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National Science Day 2021: केंद्रीय विद्यालय टाटानगर के शिक्षक केमेस्ट्री की मिस्ट्री समझाकर बच्चों में पैदा कर रहे विज्ञान के प्रति रूचि

National Science Day 2021. लाल कुर्सी के बीच में नीली कुर्सी यह अटपटा लगता है। केमेस्ट्री की भाषा में इसे सॉलिड में डिफेक्ट कहते हैं। शादी के पंडालों में अमूनन एक-दो जगह कपड़े उखाड़कर लेकर चले जाते हैं। यह भी केमेस्ट्री का एक हिस्सा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 04:46 PM (IST)
National Science Day 2021: केंद्रीय विद्यालय टाटानगर के शिक्षक केमेस्ट्री की मिस्ट्री समझाकर बच्चों में पैदा कर रहे विज्ञान के प्रति रूचि
इस तरह के कई उदाहरणों से केमेस्ट्री की मिस्ट्री समझाकर विज्ञान के प्रति रूचि पैदा कर रहा यह शिक्षक।

जमशेदपुर, जासं।  लाल कुर्सी के बीच में नीली कुर्सी यह अटपटा लगता है। केमेस्ट्री की भाषा में इसे सॉलिड में डिफेक्ट कहते हैं। शादी के पंडालों में अमूनन एक-दो जगह कपड़े उखाड़कर लेकर चले जाते हैं। यह भी केमेस्ट्री का एक हिस्सा है। इस तरह के कई उदाहरणों से केमेस्ट्री की मिस्ट्री (रहस्य) स्कूली बच्चों को समझाकर विज्ञान के प्रति रूचि पैदा कर रहा यह शिक्षक।

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इस शिक्षक का नाम है रामानुज कुमार। रामानुज केंद्रीय विद्यालय टाटानगर में विज्ञान के शिक्षक के रूप में पदस्थापित हैं। वे स्कूल में बच्चों को केमेस्ट्री पढ़ाते हैं। केमेस्ट्री को बच्चों को आसानी से समझाने के लिए चाइल्ड सेंटर का गठन किया। इस सेंटर के माध्यम से विभिन्न तरह की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को केमेस्ट्री बड़ी आसानी से समझा रहे हैं। इस कारण वर्ष 2020 में स्कूल में बच्चों का फरफॉरमेंस इंडेक्स 90 प्रतिशत रहा। यानि स्कूल के 90 प्रतिशत छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस शिक्षक के समझाने की कला को कई मंचों पर सम्मान मिला। छब्बीस फरवरी को राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) ने शिक्षक रामानुज को झारखंड के सर्वश्रेष्ठ विज्ञान शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है।

दैनिक जीवन की कमेस्ट्री को बच्चे समझे यही उद्देश्य

शिक्षक रामानुज कुमार ने बताया कि दैनिक जीवन की गतिविधियों को कैसे केमेस्ट्री से जोड़ा जाए, इसी उद्देश्य से चाईल्ड सेंटर का गठन किया गया। यह सेंटर अपने उद्देश्य में कामयाब हो रही है। बच्चे अपने आस-पड़ोस के लोगों को दैनिक जीवन से जोड़कर केमेस्ट्री की मिस्ट्री को समझा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को किताबी शिक्षा से ज्यादा व्यावहारिक शिक्षा देने में विश्वास रखते हैं। इस कारण बच्चों में केमेस्ट्री में रूचि पैदा करने में कामयाब हुए हैं।


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