Rabindranath Tagore 79th Death Anniversary: दशकों बाद भी कायम है कविगुरु की प्रासंगिकता, कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि
कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के 79 वें महाप्रयाण दिवस पर शुक्रवार को लौहनगरी में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
जमशेदपुर (जासं) । कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के 79 वें महाप्रयाण दिवस पर शुक्रवार को लौहनगरी में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शहर में कला-संस्कृति को कविगुरु के नाम पर बढ़ावा देने वाली संस्था टैगोर सोसाईटी के बैनर तले सुबह रवींद्र भवन परिसर में पौधारोपण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर टैगोर सोसाईटी के अध्यक्ष डॉ. एचएस पाल व महासचिव आशीष चौधरी ने पौधारोपण किया। इस अवसर पर टैगोर स्कूल ऑफ आर्ट्स के प्राचार्य चंदना चौधरी ने कविवर द्वारा रचित गीत मरु विजयेरो केतन ओराओ को गाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की। इसके बाद अध्यक्ष व महासचिव के साथ अन्य सदस्यों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए रवींद्र भवन परिसर में स्थापित कविवर की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया।
वहीं शाम को रवींद्रनाथ टैगोर के 79वें महाप्रयाण दिवस के अवसर पर टैगोर सोसाईटी द्वारा संचालित टैगोर स्कूल ऑफ आर्टस के शिक्षक, शिक्षिकाएं व विद्यार्थियों के अलावा स्थानीय रवींद्र संगीत कलाकारों ने वर्चुअल रूप से उनके स्मरण में कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसकी जानकारी देते हुए आशीष चौधरी ने बताया कि कोरोना महामारी के संक्रमण को ध्याम में रखते हुए इस वर्ष वर्चुअल रूप से कार्यक्रम आयोजित कर कलाकार उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। कविगुरु को महाप्रयाण दिवस के अवसर पर कविगुरु को याद करते हुए उनकी रचनाओं से प्रेरणा लेना ही कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि कविगुरू की प्रासंगिकता दशकों बाद भी उसी तरह है। वर्तमान समय में भी कविगुरु की रचनाएं हर ऋतु और समय के लिए प्रासंगिक है।