धालभूमगढ़ में खुलेगा काष्ठ शिल्प कारखाना
मनोज सिंह, जमशेदपुर : वन संपदा से प्रचुर कोल्हान क्षेत्र की तकदीर यहां के प्राकृतिक संसाधन बदल सकते
मनोज सिंह, जमशेदपुर : वन संपदा से प्रचुर कोल्हान क्षेत्र की तकदीर यहां के प्राकृतिक संसाधन बदल सकते हैं। इस बात को समझते हुए जमशेदपुर वन प्रमंडल ने लकड़ी व बांस का उपयोग कर इलाके के लोगों का आर्थिक स्थिति सुधारने का बीड़ा उठाया है। वन क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोगों में अब बांस व लकड़ी से सजावटी वस्तुएं बनाने की कला का भी विकास होगा। यह बीड़ा उठाया है जमशेदपुर वन प्रमंडल ने। वन विभाग यहां बनने वाले उत्पाद को बेचने के लिए ग्रामीण स्वयंसहायता समूह, वन प्रबंधन समिति जैसे लोगों का सहायता लेगा। इसके अलावा बाजार विकसित करने के साथ रांची, कोलकाता, दिल्ली जैसे बड़े-बड़े शहरों में होने वाले प्रदर्शनी में जमशेदपुर का सामानों को भेजा जाएगा। इससे यहां के बांस-काष्ठ से बनने वाले सजावटी सामानों का प्रचार-प्रसार हो सके।
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बांस-काष्ठ से बनने वाले उत्पाद
धालभूमगढ़ में बनने वाले बांस-काष्ठ के उत्पाद में कुर्सी, टेबल, फर्स, गमला, टोकरी, चटाई, पीढ़ा, मग, शो-केश, वुड टाइल्स, बॉक्स, पेन, मोबाइल स्टैंड, साबुनदानी, ब्रश, मोबाइल स्टैंड, डिनर सेट, चकला-बेलना, घड़ी का कवर, चश्मा का बॉक्स के अलावा दर्जनों प्रकार की वस्तुएं बनायी जाएंगी।
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खास होंगे यहां बनने वाले लकड़ी के टाइल्स
आने वाले दिनों में यहां बने लकड़ी के टाइल्स देश दुनिया के इमारतों की शोभा बढ़ाएं तो कोई आश्चर्य नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यहां के लकड़ी-बांस का क्वालिटी इतनी अच्छी है कि इसकी बेहतरीन टाइल्स बन सकती है। इस संबंध में जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि बड़े-बड़े शहरों में लकड़ी का टाइल्स की मांग बढ़ रही है, लोग बंबू हट बनाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। जिसके निर्माण में बंबू व लकड़ी का ही इस्तेमाल होता है।
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कोल्हान में बांस-काष्ठ की प्रचुर मात्रा
कोल्हान में बांस-काष्ठ की प्रचुर मात्रा है। जिसमें चाकुलिया, बहरागोड़ा व धालभूमगढ़ में ही 20 हजार से अधिक किसान बांस-काष्ठ की खेती करते हैं। यहां से प्रति वर्ष 30 हजार मिट्रीक टन बांस-काष्ठ का उत्पादन होता है। जो हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश को बेचा जाता है।
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रोजगार के साथ ही आय होगी दुगुनी
जमशेदपुर वन प्रमंडल के तहत बांस-काष्ठ शिल्प का कारखाना खुलने से 20 हजार किसानों को तो प्रत्यक्ष लाभ होगा ही। साथ हीं यहां कारखाना खुलने से अन्य लोगों रोजगार मिलने से आमदनी होंगे।
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-जमशेदपुर वन प्रमंडल के तहत धालभूमगढ़ व बहरागोड़ा में बंबू-काष्ठ शिल्प का कारखाना खोलने पर सहमति हुई है। इसके लिए एक कंपनी के साथ एमओयू किया गया है। बंबू कंपोजिट वुड फैक्ट्री के लिए सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिसे अंतिम स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलते ही कारखाना खोल दिए जाएंगे।
- सबा आलम अंसारी, डीएफओ, जमशेदपुर वन प्रमंडल