छोटारायकमन जगन्नाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निकाली गयी भव्य कलश यात्रा Chaibasa News
Kalash Yatra पश्चिम सिंहभूम के छोटारायकमन गांव में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर का तीसरा मंदिर प्रतिष्ठान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतिष्ठान कार्यक्रम में भक्तों ने जय जगन्नाथ के जयकारा के साथ विधि विधान से भव्य कलश यात्रा निकाली।
कुमारडुंगी, जासं। पश्चिम सिंहभूम के छोटारायकमन गांव में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर का तीसरा मंदिर प्रतिष्ठान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतिष्ठान कार्यक्रम में भक्तों ने जय जगन्नाथ के जयकारे के साथ विधि विधान से भव्य कलश यात्रा निकाली। इसमें स्थानीय जलाशय के घाट पहुंचकर विधिवत पूजा अर्चना कर कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया।
कलश यात्रा के दौरान क्षेत्र भक्तिमय रहा। कलश यात्रा में गांव की 83 महिलाएं शामिल हुईं। इसके लि सुबह से गांव घर-आंगन की सफाई की गई। गोबर का लेप लगाकर चारों तरफ अल्पना से सजाया गया। सुबह आठ बजे से ही कलश यात्रा की तैयारी की जा रही थी। करीब दस बजे कलश में जल भरने के लिऐ स्थानीय बड़ा तालाब के लिए महिलाएं रवाना हुईं। बड़ा तालाब में पुरोहितों के वैदिक मंत्रोउच्चारण के साथ कलश में जल भरा गया। उसके बाद गंतव्य मार्ग से कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा खादानसाई होते हुऐ पान टोला, गोप टोला, नायक टोला होते हुए एक किलोमीटर सफर के बाद मंदिर पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों ने भक्तों के पैर धुलाकर पुण्य अर्जित किए। मंदिर पहुंचने के बाद पूजा-अर्चना के साथ कलश की स्थापना की गई। इसी के साथ एक प्रहरी संकीर्तन भी आरंभ किया गया। साथ ही प्रभु जगन्नाथ से गांव की खुशहाली की कामना की गई। इस मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, सुभद्रा, बलभद्र की स्थापना 5 अप्रैल 2018 को की गइ थी।
1 वर्ष 4 माह में तैयार हुआ छोटारायकमन स्थित जगन्नाथ मंदिर
छोटारायकमन स्थित जगन्नाथ मंदिर का निर्माण में एक वर्ष चार महीना लगे थे। इसमें सभी का सहयोग रहा। देश-विदेश से लोगों ने दानपुण्य कर मंदिर के निर्माण में सहयोग किए। छोटारायकमन गांव के लोगों ने श्रमदान कर मंदिर का निर्माण करवाया गया। गांव की महाप्रभु जगन्नाथ सेवा समिति छोटारायकमन ने निर्माण कार्य में काफी सहायता की। समिति के अध्यक्ष भगीराथी नायक ने बताया कि मंदिर निर्माण का काम 1 दिसम्बर 2016 को किया गया था। एक वर्ष चार माह बाद 31 मार्च 2018 को मंदिर निर्माण का कार्य सम्पन्न हुआ। मंदिर निर्माण में भूतपूर्व कल्याण मंत्री गोवर्धन नायक का अच्छा भागीदारी रहा। गांव, शहर से लेकर ताईवान से भी मंदिर निर्माण में सहयोग मिला। मंदिर निर्माण में लगभग नौ लाख रुपए खर्च हुए हैं। मंदिर निर्माण के लिए रत्नाकर नायक ने भूदान किया।