पर्यावरण ही है कैलाश भूमि, वृक्ष ही प्रत्यक्ष शिव : स्वामी चिदानंद
जीवन को मन का दास नहीं बना सकते तो मन का कहना सदैव मानते हुए आगे चलते रहो। किसी काम को करने से पहले विचार करना जरूरी है। हमारी बुद्धि को जीवन का सारथी बनना चाहिए। परंतु हम सभी मन को शांत बनाकर उसका दास बनकर काम करते हैं..
संसू, बहरागोड़ा : जीवन को मन का दास नहीं बना सकते तो मन का कहना सदैव मानते हुए आगे चलते रहो। किसी काम को करने से पहले विचार करना जरूरी है। हमारी बुद्धि को जीवन का सारथी बनना चाहिए। परंतु हम सभी मन को शांत बनाकर उसका दास बनकर काम करते हैं। बुधवार को ये बातें हरि कथा मूर्त कार्यक्रम के दौरान डा. स्वामी चिदानंद महाराज ने कही। बाबा बलिया सेवा निकेतन ईचड़ाशोल में आयोजित पांच दिवसीय हरि कथा मूर्त कार्यक्रम के चौथे दिन वे उपस्थित लोगों को प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण ही वास्तव में कैलाश भूमि है और वृक्ष ही प्रत्यक्ष शिव हैं, जो कार्बन डाइऑक्साइड रूपी विष को ग्रहण कर हमें अमृत रूपी ऑक्सीजन दान देते हैं। पौधारोपण और पौधों का संरक्षण ही वास्तव में शिव आराधना है। जीवन में शास्त्रानुकूल आचरण करें, जिससे बहुजन का मंगल हो सके। सिर्फ अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए काम करने वाला मनुष्य पशु के समान है। इस अवसर पर प्रवचन सुनने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मौके पर सेवा निकेतन के ब्योमकेश, गणेश बेरा, मोहन दास, सुखदेव ब्रह्मचारी, कवि कुंडू, सुजीत बेरा, गिरीश पाल, सनत बेरा, पीयूष क्रांति साहू समेत कई महिलाएं उपस्थित थीं। झारखंड आंदोलनकारी चरण मुर्मू की मनी द्वितीय पुण्यतिथि : बुधवार को झारखंड आंदोलनकारी चरण मुर्मू की द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन पावड़ा स्थित उनके पैतृक आवास पर किया गया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला संगठन सचिव जगदीश भकत ने कहा कि दिवंगत मुर्मू झारखंड आंदोलन के दौरान 1993 में दो माह तक जेल में बंद थे। आंदोलन के दौरान उन्होंने कई बार जेल यात्रा की। सात अप्रैल 2020 को उनका निधन हो गया था। वर्तमान में उनकी पत्नी फुलमोनी मुर्मू को राज्य सरकार की ओर से प्रतिमाह 3500 रुपये पेंशन दिया जा रहा है। इससे पूर्व दिवंगत मुर्मू के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। साथ ही ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस अवसर पर ग्राम प्रधान रामचंद्र हेम्ब्रम, काजोल डॉन, मो. जलील, नीलकमल महतो, काला चांद सरकार, मो. जैनुल, आरसु मुर्मू, सुष्मिता मुर्मू, गणेश मुर्मू, सुखदा मुर्मू समेत कई उपस्थित थे।