Move to Jagran APP

टाटा मोटर्स में गेट मीटिंग को गलत बताने पर झाविमो का पलटवार, दिखाया आईना Jamshedpur News

टाटा मोटर्स में गेट मीटिंग को गलत बताने पर झाविमो ने करारा जवाब दिया है। पार्टी नेता अभय सिंह ने कहा कि यूनियन नेता अपनी जिम्मेदारी निभाते तो इसकी जरूरत क्या थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 10:23 AM (IST)
टाटा मोटर्स में गेट मीटिंग को गलत बताने पर झाविमो का पलटवार, दिखाया आईना Jamshedpur News
टाटा मोटर्स में गेट मीटिंग को गलत बताने पर झाविमो का पलटवार, दिखाया आईना Jamshedpur News

 जमशेदपुर, जेएनएन। झारखंड विकास मोर्चा ने टाटा मोटर्स में गेट मीटिंग को गलत बताने पर पलटवार करते हुए आईना‍ दिखाया है। मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि टाटा मोटर्स गेट के समक्ष बाई सिक्स कर्मचारियों के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य केवल यही था कि टाटा मोटर्स के अधिकारी और कारपोरेट जगत उन बाइ सिक्स कर्मचारियों के साथ भेदभाव न करें जो जिन्‍होंने अपना संपूर्ण जीवन टाटा मोटर्स के लिए लगा दिया। 

loksabha election banner

अभय ने कहा कि मजदूर यूनियन चलाना झारखंड विकास मोर्चा का काम नहीं है। झारखंड विकास मोर्चा के कार्यकर्ताओं या अन्य दलों के कार्यकर्ता उसी उद्देश्य से जाते हैं जब मजदूर यूनियन समस्याओं का निदान नहीं करता है। किसी भी राजनीतिक दल का कर्तव्य होता है कि मजदूरों के हित में लड़ाई लड़े। यह शहर मजदूरों का है। जब तथाकथित यूनियन नेता अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पाते हैं तभी किसी दल के लोग मजदूरों की लड़ाई के लिए आगे आते हैं।

झाविमो नहीं करता हल्की राजनीति

झाविमो नेता ने कहा कि झारखंड विकास मोर्चा कभी भी कोई हल्की राजनीति नहीं करता। झाविमो की घोषणा की एक दिन पूर्व ही क्वार्टर का मामला सुलझ जाना यह दर्शाता है कि झारखंड विकास मोर्चा के कार्यक्रम की घबराहट से यह निर्णय लेना पड़ा। यह जीत बाई सिक्स कर्मचारियों की है। टाटा मोटर्स के मज़दूर यह कह दें  कि हम यूनियन के कार्यों से संतुष्ट हैं तो झाविमो को वहां जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।

पूछे ये सवाल

  • जिनको इस आंदोलन से आपत्ति है यह बताएं कि पिछले दिनों हजारों बाई सिक्स कर्मचारियों के बीच में केवल दो लोगों को बिना मापदंड के किस आधार पर और किसकी पैरवी पर टाटा मोटर्स में परमानेंट किया गया। क्या यह इस बात को दर्शाता नहीं है कि यहां पर मजदूर के साथ विश्वासघात हुआ है। उस समय यूनियन कहां थी ? 
  • बाहर से क्यों मंगाया जाता माल: टाटा मोटर्स झारखंड में है लेकिन आज पुणे से हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई से वेंडरो द्वारा माल मंगाया जाता है। यह यहां के हजारों मजदूरों के साथ में विश्वासघात नहीं है। अगर स्थानीय वेंडरो को काम दिया जाता तो आज आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया मंदी के नाम पर सुनसान नहीं होता। 
  • उन चंद नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या ट्रेनिंग युवकों से परमानेंट जॉब नहीं कराया जाता है । उनसे परमानेंट प्रोडक्शन नहीं कराया जाता है। क्या यह श्रम कानून का उल्लंघन नहीं है। क्या यह मजदूरों के साथ विश्वासघात नहीं है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.