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जुस्को शुरू करेगी मिशन स्वर्णरेखा, झारखंड से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है यह नदी

जुस्को जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ते हुए मिशन स्वर्णरेखा शुरू करने जा रही है। रांची के निकट पिस्ता गांव से निकलकर बंगाल की खाड़ी में यह नदी मिलती है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 10:33 AM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 08:35 PM (IST)
जुस्को शुरू करेगी मिशन स्वर्णरेखा, झारखंड से  निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है यह नदी
जुस्को शुरू करेगी मिशन स्वर्णरेखा, झारखंड से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है यह नदी

जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। मिशन गंगे की तर्ज पर टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, जुस्को जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ते हुए मिशन स्वर्णरेखा शुरू करने जा रही है। रांची के निकट पिस्ता गांव से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलने वाली 395 किलोमीटर लंबी स्वर्णरेखा नदी झारखंड के विभिन्न जिलों से होते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा को जोड़ती है।

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केवल इस नदी पर जमशेदपुर की पूरी आबादी सहित टाटा स्टील भी अपने उत्पादन के लिए निर्भर है, लेकिन स्वर्णरेखा नदी तेजी से प्रदूषित हो रही है। जुस्को छह व सात अप्रैल से स्वर्णरेखा अभियान की शुरुआत कर रही है। अभियान के पहले दिन रिवर मार्च होगा।

कितने स्थानों पर गिरता है सीवरेज का पानी बनेगी रिपोर्ट

जुस्को और विभिन्न संस्थाओं के सदस्य आदित्यपुर टोल ब्रिज से लेकर साकची रिवर पम्प हाउस तक नदी के किनारों की जांच करेंगे। पूरे क्षेत्र में कितने स्थानों पर सिवरेज का पानी गिरता है? इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद दूसरे दिन शुरू होगा सफाई अभियान। चिन्हित क्षेत्रों से कूड़ा, कचरा, प्लास्टिक की बोतलों की सफाई की जाएगी। 

शामिल होंगी बछेंद्री व प्रेमलता 

मिशन स्वर्णरेखा का नेतृत्व जुस्को इन्वायरमेंट सस्टेनबिलिटी के चीफ मैनेजर गौरव आनंद करेंगे। वहीं, इस अभियान से पद्मश्री बछेंद्री पाल, पर्वतरोही प्रेमलता अग्रवाल सहित शहर के कई गणमान्य भी शामिल होंगे।

ये संस्थाएं भी होंगी शामिल 

बियॉड फिटनेस, री-लर्न फाउंडेशन, एक्सएलआरआइ, चेंज इंडिया फाउंडेशन, रोटरी क्लब व इनर व्हील क्लब। 

अक्टूबर में टाटा ने चलाया था मिशन गंगे : टाटा स्टील ने अक्टूबर 2018 में मिशन गंगे अभियान चलाया था। पद्मश्री बछेंद्री पाल के नेतृत्व में टाटा स्टील 30 कर्मचारियों ने हरिद्वार से लेकर बक्सर तक के पूरे क्षेत्र में नदी के किनारों की सफाई की थी और 4000 टन से ज्यादा कचरा, प्लास्टिक बोतल और पॉलिथीन हटाया था। 

18 स्थानों पर गिरता है सिवरेज का पानी

स्वर्णरेखा बचाओं समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार जमशेदपुर के आसपास के क्षेत्र के 18 ऐसे स्थान हैं जहां सिवरेज का गंदा पानी सीधे स्वर्णरेखा नदी में गिरता है। जुस्को प्रबंधन का कहना है कि हमारा उद्देश्य मिशन भागीरथ की तर्ज पर सिवरेज का पानी नदी में गिरने से रोकना है। 

मानसून से पहले सफाई करना मकसद

शहर के आसपास के क्षेत्रों में ही नदी में सबसे ज्यादा गंदगी होती है। यहीं गंदगी मानसून में नदी में जाकर पानी को प्रदूषित करती है। हमारा उद्देश्य मानसून के पहले 11 किलोमीटर के पूरे क्षेत्र की सफाई करना है। 

-राजेश राजन, प्रवक्ता, जुस्को


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