JRD Tata ने कभी Jet Airways को दिखाई थी हरी झंडी, भारी कर्ज के कारण ऐसे डूब गई कंपनी
जेट एयरवेज ही वह कंपनी थी जिसने देश में पहला निजी एयरलाइंस चलाने का साहस दिखाया था। जेआरडी टाटा ने एयरलाइंस की पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाई थी। लेकिन भारी कर्ज का बोझ के आगे कंपनी ने दम तोड़ दिया। जानिए इसके पीछे की कहानी...
जमशेदपुर : देश के सबसे पहली प्राइवेट एयरलाइंस जेट एयरवेज की शुरूआत 1993 में की गई थी। जिसका शुभारंभ जेआरडी टाटा ने किया था। जिसके कारण यह एयरवेज रातों रात चंर्चित ब्रांड बन गया। जेट एयरवेज 26 साल तक चलने के बाद भारी कर्ज के कारण इसे 2019 में बंद कर दिया गया। इस एयरलाइन को नरेश गोयल ने शुरू की थी। जो उस समय ट्रेवल एजेंसी चलाते थे।
कर्ज के कारण 26 साल चलने के बंद कर दी गई
देखते ही देखते जेट एयरलाइन एक चर्चित ब्रांड बन गई। एयरलाइन सेक्टर में जेट एयरवेज का दबदबा बढ़ाने के लिए 2006 में जेट एयरवेज ने सहारा एयरवेज को 2250 करोड़ रुपये में खरीद ली। इस डील से एयरलाइन के बेड़े में 27 एयरक्राफ्ट के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय रूट भी मिल गया। यहीं से जेट एयरवेज का पतन की शुरूआत हो गई। 2008 में आए विश्वव्यापी मंदी भी जेट एयरवेज धरातल पर ले आई।
प्रतिस्पर्धा भी जेट एयरवेज को लाया नीचे
मंदी के बाद घरेलू विमान कंपनियों का आपस में प्रतिस्पर्धा होने लगी। इसमें स्पाइसजेट, इंडिगो, विस्तारा जैसी एयरलाइन कंपनियां के बीच लो फेयर प्राइस का प्रतिस्पर्धा होने लगी। जेट एयरवेज ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और यह भी प्रतिस्पर्धा में कुूद पड़ी, जिसका परिणाम हुआ कि जेट एयरवेज कर्ज के बोझ तले दब गई। इसके बाद जेट एयरवेज की उड़ाने रद्द होने लगी, कर्मचारियों का वेतन देने के लिए कंपनी के सामने समस्या आ गई। इस तरह 17 अप्रैल 2019 को वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को बंद कर देना पड़ा।
समाधान योजना को एनसीएलटी ने दी मंजूरी
जेट एयरवेज को समाधान योजना के तहत चलाने के लिए एनसीएलटी ने मंजूरी दी है। जानकारी हो कि जेट एयरवेज बीते दो साल से दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता आईबीसी के तहत ऋण समाधान प्रक्रिया से गुजर रही थी। इसी बीच जेट एयरवेज को चलाने के लिए ब्रिटेन के कलरॉक कैपिटल व संयुक्त अरब अमीरात के उद्योगपति मुरारीलाल जालान ने एनसीएलटी को संयुक्त रूप से जेट एयरवेज को चलाने के लिए समाधान योजना के तहत आवेदन दिया था। उस समाधान योजना को एनसीएलटी ने मंजूरी दे दी है। अब कलरॉक कैपिटल व मुरारीलाल जालान के संयुक्त प्रयास ने एक बार फिर जेट एयरवेज को उडा़न भरने जा रहे हैं।