International Womens Day : पति की हत्या के बाद जोबा ने राजनीति में बनाई जगह, जीवटता को सभी करते सलाम Jamshedpur News
International Womens Day. कभी पति के विधायक रहते बाजार में सब्जी बेचने के कारण सुर्खियों में आई जोबा माझी आज महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
महिला दिवस
- पति के विधायक रहते चक्रधरपुर के इतबारी हाट में बेचती थीं सब्जी
- बिहार सरकार में पहली बार बनीं मंत्री, झारखंड बनने पर भी बनी मंत्री
- पूरे विस क्षेत्र को बना लिया परिवार, नहीं दे पाई बच्चों को समय
चक्रधरपुर, दिनेश शर्मा। International Womens Day कभी पति के विधायक रहते बाजार में सब्जी बेचने के कारण सुर्खियों में आई जोबा माझी आज महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने पति की हत्या के बाद परिवार को संभालने के साथ पति की राजनीतिक विरासत संभालकर काबलियत सिद्ध कर दी। कोई 25-26 साल पहले जब कोल्हान की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नहीं के बराबर थी, उस समय जोबा ने अपनी जगह बनाई।
14 अक्टूबर 1994 को गोईलकेरा हाट बाजार में पति देवेंद्र माझी की हत्या के बाद वे राजनीति में आईं। उस वक्त उनके चौथे और सबसे छोटे बेटे अर्जुन माझी की उम्र महज एक वर्ष थी। 1995 में पहली बार वे बिहार विस के लिए चुनी गईं। वे मनोहरपुर की पहली महिला विधायक भी बनीं। इसके बाद वे लगातार तीन बार चुनाव में जीतती रहीं। उनके द्वितीय पुत्र उदय माझी बताते हैं, उन सभी भाइयों की उम्र उस वक्त बेहद कम थी। बावजूद इसके जोबा माझी ने राजनीति में उतरने के बाद पूरे सारंडा को ही अपना परिवार माना और दिन रात क्षेत्र के सघन दौरे एवं उनकी बेहतरी में लगी रहतीं।
मैट्रिक तक की पढ़ाई
वर्ष 1982 में तत्कालीन चक्रधरपुर के विधायक देवेंद्र माझी के साथ जोबा माझी का 18 वर्ष की उम्र में विवाह हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा रानीडीह जुगसलाई के रामजानकी कन्या उच्च विद्यालय से हुई। जहां उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की। उनके सबसे बड़े पुत्र जगत माझी का विवाह हो चुका है। जगत व उनसे छोटे उदय माझी अब जोबा माझी के साथ राजनीति में उनका हाथ बंटा रहे हैं।
परिवार को नहीं दे पाई समय
शादी के समय की जोबा माझी की तस्वीर।
तृतीय पुत्र धनु माझी धनबाद में एमबीबीएम अंतिम वर्ष के छात्र हैं। उदय मुश्किल दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि उन्हें व उनके पूरे परिवार को अपनी मां पर गर्व है। हालांकि वे बचपन में मां द्वारा उन्हें व सभी भाइयों को बेहद कम समय देने का अफसोस करते हैं। लेकिन साथ ही यह भी कहते हैं कि अब उन्हें यह बात समझ में आ गई कि मां ने तो पूरे विस क्षेत्र को ही अपना परिवार बना लिया था। उदय कहते हैं कि उनके माता-पिता के संघर्ष के साथ-साथ उच्च आदर्श सभी के लिए प्रेरणा हैं। महिला दिवस पर महिलाएं अवश्य ही उनकी मां से प्रेरित होंगी।
- महिलाओं ने आज हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। ऐसा कोई कार्य नहीं है, जो पुरुषों के समान ही महिलाएं न कर सके। महिला दिवस की सभी को बधाई।
-जोबा माझी, समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास मंत्री, झारखंड सरकार