लॉकडाउन में ढील मिलने पर भी घर में कैद रहने की मजबूरी
लॉकडाउन खलने से सबसे ज्यादा निराशा शहर के कंटेनमेंट जोन में है। पूरे शहर में कई तरह की छूट मंगलवार से मिलने लगी लेकिन कंटेनमेंट जोन में फंसे लोगों के लिए कहीं कोई छूट नहीं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लॉकडाउन खलने से सबसे ज्यादा निराशा शहर के कंटेनमेंट जोन में है। पूरे शहर में कई तरह की छूट मंगलवार से मिलने लगी, लेकिन कंटेनमेंट जोन में फंसे लोगों के लिए कहीं कोई छूट नहीं। ऐसे में लंबे समये से लाकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे लोगों में तनाव व्याप्त है। मंगलवार को बागुननगर कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें प्रशासन से जरूरी सामान तो मिल रहे, लेकिन लाकडाउन खुलने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा।
यहां 30 घरों के लोगों को अगले 21 दिनों तक अपने घर में ही बंद रहना होगा। कंटेनमेंट जोन से सटे मकान में रहने वाली तनुजा देवी कहती हैं कि काफी दिनों से लॉकडाउन खुलने का इंतजार था लेकिन मेरे घर से सटकर कंटेनमेंट जोन बन गया है। अब तो हमलोगों को भी डर के साए में जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। बच्चों को घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लग गयी है।
कंटेनमेंट जोन से सटे घर में रह रहे जीतू गुप्ता कहते हैं कि महीनों बाद लॉकडाउन में छूट मिली, लेकिन हमलोग घर में कैद हो गए, क्योंकि घर के बगल में ही कोरोना का केस मिल गया।
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कंटेनमेंट जोन सिदगोड़ा : छत से रिस रहा पानी, पंखा खराब
सिदगोड़ा पानी टंकी कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले एक व्यक्ति ने मजिस्ट्रेट से मांग की कि छत से पानी रिस रहा है। इसके कारण घर का पंखा खराब हो गया है। उसने मजिस्ट्रेट से पूछा कि क्या मिस्त्री बुला सकते हैं। इस पर मजिस्ट्रेट ने मदद न कर पाने की बात कही।