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महानायक सिदो मुर्मू के वंशज मामले में झामुमो की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण : सालखन Jamshedpur News

सालखन मुर्मू ने कहा कि महानायक सिदो मुर्मू के वंशजों के अपमान अन्याय और असुरक्षा के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और सोरेन परिवार पूरी तरह से दोषी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 05:55 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 05:55 PM (IST)
महानायक सिदो मुर्मू के वंशज मामले में झामुमो की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण : सालखन Jamshedpur News
महानायक सिदो मुर्मू के वंशज मामले में झामुमो की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण : सालखन Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। जदयू के प्रदेश अध्‍यक्ष सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि महानायक सिदो मुर्मू के वंशजों के अपमान, अन्याय और असुरक्षा के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और सोरेन परिवार पूरी तरह से दोषी है।

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उन्‍होंने कहा कि बरहेट विधानसभा क्षेत्र से विधायक और झारखंड के मुख्यमंत्री होने के बाद भी हेमंत सोरेन का रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या पर चुप्पी साधना, वंशजों से नहीं मिलना और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करना इसका प्रमाण है।  जमशेदपुर के  कदमा स्थित अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि 2016 में भी इन शहीदों के वंशजों पर भोगनाडीह में जानलेवा हमला हुआ था, उस वक्त भी झामुमो का चुप्पी साधना दुर्भाग्यपूर्ण है।

अल्पसंख्यकों का भाजपा से डरना झामुमो के लिए तोहफा

सालखन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के डर से मुसलमान और ईसाई झारखंड मुक्ति मोर्चा को साथ देने के लिए मजबूर हैं। इनकी मजबूरी झामुमो के लिए तोहफा बन जाती है। धार्मिक गठजोड़ की सजा सरना आदिवासियों को भुगतना पड़ रहा है। रामेश्वर मुर्मू इसी वोट बैंक की बलि चढ़ गया है। झामुमो से आगे भी सुधार और सुरक्षा की कोई गुंजाइश नहीं है। इसीलिए सरना धर्म कोड, संताली राजभाषा, झारखंड डोमिसाइल, शराबबंदी आदि गंभीर मुद्दों पर पार्टी चुप रहती है। स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक के वंशज की संदिग्ध हत्या की नैतिक जिम्मदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।

30 जून को विरोध दिवस

सालखन मुर्मू ने बताया कि इस प्रकरण के विरोध में झारखंड, बंगाल, ओडिशा, असम और बिहार में आदिवासी सेंगेल अभियान (एएसए) 30 जून हूल दिवस को विरोध दिवस के रूप में मनाएगी। माला और मेला की नौटंकी की जगह हूल-शपथ लिया जाएगा। इसके बाद सात जुलाई को गांव-गांव में विरोध जन-जागरण कार्यक्रम किए जाएंगे।

सिदो मुर्मू व बिरसा मुंडा के वंशजों के लिए बने ट्रस्ट

पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने बताया कि 12 जनवरी 2017 को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की गई थी कि सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा के वंशजों को जीवनपर्यंत सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य सुविधाओं के लिए सरकार की तरफ से उचित व्यवस्था दी जाए। राष्ट्रपति कार्यालय के निर्देश के बावजूद अब तक कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने मांग की कि दोनों वंशजों के लिए एक-एक ट्रस्ट का गठन किया जाए और उस ट्रस्ट में कम से कम एक सौ करोड़ की राशि फिक्स डिपाजिट ( कॉरपस कैपिटल) के तौर पर रखा जाए।


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