लोगों ने सिखा जीवन जीने की कला
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : क्रोध का त्याग करके ही बेहतर जिंदगी का अनुभव प्राप्त किया जा सकता ह
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : क्रोध का त्याग करके ही बेहतर जिंदगी का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। उक्त बातें मंगलवार को झारखंड ह्यूंमन राइट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहीं। भालूबासा सामुदायिक भवन में आयोजित जीवन प्रबंधन एवं जीवन जीने की कला विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मनोज मिश्रा ने बताया कि क्रोध के कारण ही नकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है और इंसान उन सारे कार्यो को कर जाता है, जिसे वह सामान्य परिस्थिति में कभी करना नही चाहता है। बाद में उन्हें पछतावा तो होता है, परन्तु तबतक सबकुछ समाप्त हो चुका होता है, इसीलिए क्रोध पर काबू पाने की कला सिखनी होगी। उन्होंने कहा कि जीवन का रिमोट अपने हाथ में रखना पड़ेगा, तभी मनचाहा सुख की प्राप्ति होगी। उन्होंने रिश्तों की अहमियत को समझाते हुए कहा कि पति-पत्नी की जीवन की नैया एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव से ही लंबी दूरी तय कर सकती हैं, क्रोध से नैया बीच में ही डूब जाती सकती हैं। वहीं आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ. गुरमुख सिंह ने खान-पान के बेहतर संचालन से स्वस्थ्य रहने के बारे में विस्तार से बताया। संगोष्ठी में कन्हैया कुमार, विश्वजीत सिंह, दिनेश दूबे, सीमा कुमारी, साजिया परवीन, फातिमा परवीन, सलमा परवीन, ममता, नेहा, रीता, फौजिया हसन, साजिया हसन, पिंकी, सत्या, अरुण, प्रिया, मोहन ठाकुर, अन्नू, निशा, नगमा, नंदनी, सबिना, रूपा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।