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Jharkhand: कोरोना हेल्पलाइन के छह में चार नंबर बंद पड़े, कैसे लड़ेगी सरकार, भाजपा ने उठाए सवाल

Jharkhand Politics. स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार पर हमला बोला है। कहा कि कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए जारी किए गए छह हेल्पलाइन नंबर में से चार बंद पड़े हैं। ट्विटर पर सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के ट्विटर अकाउंट निष्क्रिय हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 09:24 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 09:24 AM (IST)
Jharkhand: कोरोना हेल्पलाइन के छह में चार नंबर बंद पड़े, कैसे लड़ेगी सरकार, भाजपा ने उठाए सवाल
मीडिया को संबोधित करते भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी।

जमशेदपुर, जासं। झारखंड राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार पर हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए जारी किए गए छह हेल्पलाइन नंबर में से चार बंद पड़े हैं। ट्विटर पर सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के ट्विटर अकाउंट साल भर से निष्क्रिय हैं।

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कुणाल यहीं नहीं रुके, कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रांची स्थित रिम्स के इमरजेंसी वार्ड समेत छह अन्य अस्पतालों में आज ऑक्सीजन नहीं है। यह घटना भी झारखंड के इतिहास में पहली बार है। कोरोना के बिगड़ते हालात पर सरकार ने आनन-फानन जांच में तेजी लाने के लिए आरटीपीसीआर मशीन, सिटी स्कैन, कैथ लैब की खरीद और टेक्नीशियन की नियुक्ति का आदेश अब जारी किया है। अस्पतालों में 50 प्रतिशत बेड आरक्षित रखने के आदेश पर सवाल किया कि केवल जनता को भ्रमित करने के लिए आदेश दिए गए थे। उन आदेशों का क्या हुआ। क्या किसी अस्पताल से इस संबंध में कोई अन्य जानकारी मांगी गई। उन्होंने कोरोना मामले की चिंताजनक स्थिति पर कहा कि सड़कों पर लाश जलाई जा रही है। शवदाह गृह की मरम्मत संबंधी कार्य अब तक पूरे नहीं हुए हैं। कोरोना के चुनौतीपूर्ण समय में सरकार की नीतियों के कारण दो बड़े अस्पताल मेडिका और मेड्रिटीना में ताले लग गए। अगर ये अस्पताल आज खुले होते तो लोगों को राहत मिलती।

स्वास्थ्य मंत्री पर भी हमला

कुणाल ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की वास्तविकता किसी से छिपी नहीं है। ऐसे समय में भी स्वास्थ्य मंत्री समेत पूरी कैबिनेट उपचुनाव में व्यस्त है। मानो उपचुनाव से ही कोरोना संकट का समाधान होगा। राज्य सरकार की उदासीनता पर हाइकोर्ट ने कहा है कि राज्य के सचिव पत्थर की मूरत की तरह कोर्ट के निर्देशों को सुनते हैं। केंद्र सरकार से लगातार मिल रही मदद व राहत पैकेज के बावजूद राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए आधारभूत संरचना तैयार नहीं कर सकी। षाड़ंगी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के सुझाव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए और राज्य में मेडिकल इमरजेंसी घोषित करे। उन्होंने राज्य सरकार से बढ़ते कोरोना मामले पर रेल की बोगियों को कोविड अस्पताल बनाने की मांग की है। भाजपा ने राज्य सरकार से कोरोना के बढ़ते मामलों पर अगले माह निर्धारित जेपीएससी परीक्षा की तिथि अविलंब आगे बढ़ाने की मांग की है।


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