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Jharkhand की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया जमशेदपुर के उद्यमी संदीप मुरारका की पुस्तक का विमोचन

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन रांची में जनजातीय समुदाय के महान व्यक्तित्वों पर लिखित पुस्तक शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 2 का विमोचन किया जिसे जमशेदपुर के उद्यमी संदीप मुरारका ने लिखा है। इस पुस्तक में वैसे 19 आदिवासी व्यक्तित्वों की संक्षिप्त जीवनी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 04:37 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 04:37 PM (IST)
Jharkhand की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया जमशेदपुर के उद्यमी संदीप मुरारका की पुस्तक का विमोचन
कुछ स्वतंत्रता सेनानी भी हैं, जो देश के इतिहास में भुला दिए गए।

जमशेदपुर, जासं। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन, रांची में जनजातीय समुदाय के महान व्यक्तित्वों पर लिखित पुस्तक "शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 2" का विमोचन किया. जिसे जमशेदपुर के उद्यमी संदीप मुरारका ने लिखा है।  इस पुस्तक में वैसे 19 आदिवासी व्यक्तित्वों की संक्षिप्त जीवनी है, जिन्हें पद्म पुरस्कार प्राप्त हुए। कुछ स्वतंत्रता सेनानी भी हैं, जो देश के इतिहास में भुला दिए गए।

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देश भर की अनकही गाथाओं के इस संकलन में पंडवानी लोक गीत-नाट्य की पहली महिला कलाकार पद्मविभूषण तीजन बाई (छत्तीसगढ़), अंतरराष्ट्रीय महिला मुक्केबाज एवं राज्यसभा सदस्य पद्मविभूषण एम सी मैरी कॉम (मणिपुर), नागालैंड की लक्ष्मीबाई पद्मभूषण रानी गाईदिन्ल्यू , जैविक खेती की प्रसारक पद्मश्री "सीड मदर" राहिबाई सोमा पोपरे (महाराष्ट्र), डायरो गायक पद्मश्री भीखुदान गोविंद भाई गढ़वी (गुजरात), पार्श्वगायिका पद्मश्री दिवालीबेन पुंजभाई भील (गुजरात), अप्रतिम गीतकार "भगत बापू" पद्मश्री कवि दुला भाया काग (गुजरात), लोक साहित्यकार पद्मश्री बेनीचंद्र जमाटिया (त्रिपुरा), कन्नड़ भाषा के विख्यात फिल्मी गीतकार पद्मश्री डॉ. डोड्डारंगे गौड़ा (कर्नाटक), लोकगायिका पद्मश्री सुकरी बोंमागौड़ा (कर्नाटक), युवा एथलीट पद्मश्री विकास शिवे गौड़ा (कर्नाटक), अंतरराष्ट्रीय धनुर्धर पद्मश्री लिम्बाराम अहरी (राजस्थान), अंग्रेज़ी भाषा की एथनोग्राफर पद्मश्री प्रो० तेमसुला आओ (असम), विख्यात पत्रकार पद्मश्री डॉ. ममंग दई (अरुणाचल प्रदेश), लोक गीतकार पद्मश्री रेन सोनम शेरिंग लेपचा (सिक्किम), विख्यात भारतीय फुटबॉलर पद्मश्री बाइचुंग भूटिया (सिक्किम), सिक्किम की मदर टेरेसा पद्मश्री किपू शेरिंग लेपचा (सिक्किम) की भाषाओं के उत्थान हेतू प्रयत्नशील पद्मश्री नोर्देन शेरिंग भूटिया, लोक गायिका पद्मश्री हिलदामित लेपचा की प्रेरक कथाएं शामिल हैं।

इनकी भी है गाथा

इसके साथ ही भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी, गुमनाम शहीद तेलंगा खड़िया, टंट्या भील एवं कोमराम भीम की गाथा भी शामिल है। इनमें पद्म भूषण रानी गाईदिन्ल्यू का अध्याय जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार विरेन्द्र कुमार ओझा ने लिखा है। पुस्तक की प्रस्तावना डॉ़. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान रांची के निदेशक आईएएस रणेन्द्र कुमार ने लिखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मानना है कि हमारे देश का इतिहास राजा-महाराजाओं एवं शासकों के इर्दगिर्द घूमता रहा है, किंतु इस देश के निर्माण व विकास में जननायकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण रही है। इतिहास की पूंजी को संजोए रखना और उसमें गाथाओं को जोड़ते रहना बेहद जरूरी है। भारत की अखंडता व एकता को बरकरार रखते हुए विकास की ऊंचाइयों को छूने के लिए जनसामान्य के पराक्रम व पुरुषार्थ की गाथाएँ प्रेरणा प्रदान करती हैं। आज आवश्यकता है कि ऐसे महान व्यक्तित्वों पर विश्वविद्यालयों में शोध हो। संदीप मुरारका द्वारा रचित पुस्तक "शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 2" ऐसे ही जनजातीय नायकों को समर्पित है। मुरारका की पूर्व में दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है - शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग-1 एवं बिखरे सिक्के।

इनकी रही उपस्थिति

राजभवन में आयोजित विमोचन समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया, फेडरेशन झारखंड चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा, झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच के पूर्व प्रमंडलीय उपाध्यक्ष मंटू अग्रवाल, चाईबासा के दिव्यांश गोयल एवं पुस्तक के लेखक संदीप मुरारका।


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