World Breastfeeding Weekः झारखंड सरकार कुपोषण मुक्त समाज के लिए संकल्पित है: जोबा माझी
महिला बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री जोबा माझी ने कहा कि झारखंड सरकार कुपोषण मुक्त समाज के लिए कृतसंकल्पित है। वह सरायकेला प्रखंड के उमवि छोटा टांगरानी परिसर में शनिवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन समारोह में बोल रही थी।
जागरण संवाददाता, सरायकेला। सरायकेला प्रखंड के उमवि छोटा टांगरानी परिसर में शनिवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ महिला बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री जोबा माझी ने किया। मौके पर उन्होंने कहा कि जन्म के उपरांत छह माह तक केवल मां का दूध ही बच्चों को दें। यह समय उनके समुचित विकास का समय होता है। उन्होंने कहा कि समाज के लिए जन्म से लेकर बुजुर्ग तक संभालना व संवारना विभाग की जिम्मेदारी है। कुपोषण मुक्त समाज के लिए राज्य की 38 हजार सेविका को संक्लप लेना होगा।
जिले के सभी बच्चों को पोषण युक्त आहार देना हम सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं समाज कल्याण विभाग अंतर्गत कार्यरत दीदियों को अपने पोषणक्षेत्र में धात्री माताओं एवं बच्चों को पोषणयुक्त आहार संबंधित जानकारी देने एवं कुपोषण की जानकारी साझा करने की अपील की। कहा कि जिले के कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें संतुलित व पोषण आहार देना विभाग की जिम्मेदारी है। कहा कि सेविका भी एक मां ही हैं इसलिए मां के महत्व को समझते हुए पोषक क्षेत्र में अन्य को जागरुक करें। बच्चों के संतुलित आहार देने के लिए आने वाले दिनो में आंगनबाड़ी सेंटर में बच्चों के बीच अंडा दिया जाएगा। सरकार कुपोषित समाज के लिए संकल्पित है।
सभी योग्य पात्र पेंशन योजना से जुडेंगे
मंत्री ने कहा कि राज्य में 3.5 लाख पेंशनधारी लाभुक हैं। लेकिन सभी योग्य लाभुकों को पेंशन योजना से जोड़ने के लिए विभाग द्वारा और साढे तीन लाख लाभुकों के पेंशन की स्वीकृत की जाएगी। मंत्री ने उपायुक्त को जिले में तेजस्विनी परियोजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में प्रगति लाने हेतु किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक के वरीय पदाधिकारी सदैव तत्पर हैं जिससे राज्य के कुपोषित क्षेत्रों को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके। इससे पूर्व डीसी अरवा राजकमल ने मुख्य अतिथि मंत्री जोबा मांझी को पौधा प्रदान कर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मंत्री जोबा मांझी, विभागीय निदेशक ए दोड्डे व डीसी अरवा राजकमल ने संयुक्त रूप से 5 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई, दो बच्चों का अन्नप्राशन किया। इसके अलावे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के दो लाभुक, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के 3 लाभुक, मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के 5 लाभुक तथा कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए तथा एकल माता पिता वाले बच्चों के संरक्षण हेतु प्रति माह 2000 की राशि दिए जाने हेतु 5 लाभुकों के बीच डमी चेक का वितरण किया गया। इस दौरान हेल्दी बेबी एवं जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में किए जाने वाले क्वीज एवं रंगोली प्रतियोगिता के प्रथम द्वितीय एवं तृतीय प्रतिभागी को सम्मानित किया गया। मौके पर डीडीसी प्रवीण गागारई,आईटीडीए निदेशक संदीप दोरायबुरु, डीआरडीए पीडी उमा महतो समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सरायकेला जिले को मॉडल जिला के रुप में किया जाएगा विकसित: दोड्डे
समाज कल्याण निदेशक ऐंजनेयलु दोड्डे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जन्म के उपरांत सभी बच्चों को 6 माह तक केवल मा का स्तनपान सर्वोत्तम माना गया है जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। उसके पश्चात बच्चों को ऊपरी पोषक आहार भी देना चाहिए जिससे बच्चों में कुपोषण ना हो। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चे ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी विकसित नहीं हो पाते हैं। उन्होंने बताया कि जिले के सभी आंगनबाडी केंद्रों में बच्चों के लिए अंडा भी वितरण किया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि भविष्य में सरायकेला जिला मॉडल जिला के रूप में विकसित हो।
जन्म के तुरंत बाद कराएं स्तनपान,मां का दूध अमृत समान: डीसी
उपायुक्त अरवा राजकमल ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि स्तनपान नवजात के स्वास्थ्य के लिए जीवन अमृत है। जन्म के तुरंत बाद से कराया जाने वाला स्तनपान ना सिर्फ उन्हें कई गंभीर रोगों से बचाता है बल्कि उनके संपूर्ण विकास की सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी है। इसलिए स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए अगस्त के पहले सप्ताह 1 से 7 अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। उपायुक्त ने कहा कि बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास जन्म के पहले 23 महीने तक होता है इसलिए बच्चे को कुपोषण मुक्त बनाने हेतु पोषण युक्त आहार का सेवन करें। उपायुक्त ने सभी धात्री महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि पोषण युक्त आहार का सेवन करें। इस दौरान उन्होंने आंगनवाड़ी सेविका एवं दीदियों से अपने संबंधित पोषण युक्त क्षेत्र में इससे संबंधित जानकारी घर-घर जाकर देने की बात कही।