Jharkhand Politics : झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों के साथ किया छल : रघुवर दास
Jharkhand Politics. दास ने कहा कि लॉकडाउन के प्रारंभिक दिनों में बड़े-बड़े वादे कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी श्रमिकों को झारखंड प्रदेश वापस बुलाया लेकिन उनके साथ धोखा हुआ।
जमशेदपुर, जासं। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर धीमी हुई आर्थिक गतिविधियों के बीच अपने प्रदेश वापस आए मजदूरों ने रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करना प्रारंभ कर दिया है। रोजगार की तलाश में मजदूरों के महानगरों का रुख करने से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार की उदासीनता व वादाखिलाफी पर सवाल उठाया है।
जारी बयान में दास ने कहा कि लॉकडाउन के प्रारंभिक दिनों में बड़े-बड़े वादे कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी श्रमिकों को झारखंड प्रदेश वापस बुलाया, लेकिन उनके साथ धोखा हुआ। उन दिनों प्रवासी श्रमिकों व प्रवासी छात्रों के समस्याओं के प्रति राज्य सरकार के रुख और रवैये को सबने देखा कि कैसे अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों व छात्रों को उनके हालात पर छोड़ दिया गया। उस समय शासन-प्रशासन ने प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का वादा जोर-शोर से किया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि बड़े पैमाने पर लौटे मजदूरों के समक्ष बड़ी समस्या रोजगार को लेकर हुई।
विज्ञापनों में सिमटा रोजगार का वादा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के द्वारा कोई ठोस पहल ना करने व पूर्ण रूप से निष्फल होने के कारण भोले-भाले आदिवासी व कामगार मजदूर अब वापस दूसरे प्रदेश पलायन पर विवश हो रहे हैं। राज्य सरकार की बातों पर विश्वास करने के पश्चात सरकार ने प्रवासी मजदूरों के साथ विश्वासघात किया है। रोजगार के लिए प्रवासी मजदूर दर-दर भटक रहे हैं। केवल बड़े-बड़े विज्ञापनों में रोजगार के वादे सिमट कर रह गए।