झारखंड को मिलेगा पहले आधुनिक कैंसर अस्पताल का तोहफा, जानिए क्या होंगी सुविधाएं
अब बिहार-झारखंड के मरीजों को कैंसर के बेहतर इलाज के लिए महानगरों का रुख नहीं करना होगा। तीन मार्च को टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन नए अस्पताल का शुभारंभ करेंगे।
जमशेदपुर, जेएनएन। टाटा समूह के संस्थापक दिवस पर झारखंड को पहले आधुनिक कैंसर अस्पताल की सौगात मिलेगी। तीन मार्च को टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन इस अस्पताल का शुभारंभ करेंगे। इसके शुभारंभ के बाद अब बिहार-झारखंड के मरीजों को कैंसर के बेहतर इलाज के लिए महानगरों का रुख नहीं करना होगा।
सर दोराब जी टाटा की पत्नी मेहरबाई टाटा के नाम से वर्ष 1927 को एमटीएमएच अस्पताल का शुभारंभ हुआ था। टाटा समूह इस अस्पताल को अब आधुनिक रूप दे रहा है। दो मार्च 2018 को टाटा समूह के मार्गदर्शक रतन टाटा ने नए अस्पताल की आधारशिला रखी थी। इस नए अस्पताल में कई ऐसी आधुनिक मशीनें लाई गई हैं जो कैंसर की सटीक जानकारी देगा ही, साथ ही मरीजों को इसकी मुक्ति के लिए बेहतर इलाज भी मुहिया कराएगा। इस नए अस्पताल से टाटा समूह सहित भारत सरकार द्वारा संचालित सेल, एचइसी, एचसीएल, एनएमएल और रेलवे के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। इस नए अस्पताल में मेडिकल ऑनक्योलॉजिस्ट, रेडिशन ऑनक्योलॉजिस्ट, पेलिएटिव केयर, डे केयर को दो-दो वार्ड रहेंगे।
अस्पताल में आई थ्रू बीन लीनेक्स मशीन
एमटीएमएच में थ्रू बीन लीनेक्स के रूप में एक नई मशीन आई है। ऐसी मशीन सिर्फ दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद जैसे शहरों में ही है। इस मशीन की खासियत है कि कैंसर को बढ़ाने वाली सेल्स पर सीधा हमला कर उसे खत्म करेगी। शरीर में मौजूद अन्य सेल्स को यह किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी।
पेट सिटी से होगी कैंसर की जांच
अस्पताल में पेट सिटी के रूप में एक नई मशीन आई है। इस मशीन की खासियत होगी कि किसी मरीज के शरीर में कैंसर के सेल्स कहां-कहां और कितनी दूर तक फैल चुके हैं। शरीर को कितना नुकसान पहुंच चुका है। इसकी सटीक जानकारी पेट सिटी मशीन मिलेगी।
डे केयर की सुविधा शुरू
अस्पताल में पहली बार डे केयर की सुविधा शुरू की जा रही है। इसकी खासियत होगी कि यदि कोई मरीज शहर से बाहर का है तो वह दिन भर कीमोथैरेपी लेकर शाम तक अपने घर भी जा सकता है।
ये होंगी सुविधाएं
- वर्तमान में 78 बेड। इसकी संख्या बढ़कर होगी 156
- सभी वार्ड होंगे आधुनिक व वातानुकूलित।
- एमटीएमएच के बगल में बनाया गया है तीन मंजिला नया अस्पताल।
- नए और पुराने अस्पताल की बिल्डिंग को आपस में जोडऩे के लिए बनाया गया है स्काई ब्रिज।
- तीन मंजिला होगा अस्पताल का नया भवन। सबसे निचले तल पर पेट सिटी और लीनेक्स की रहेगी मशीन। मध्य तल पर डे केयर यूनिट और सबसे ऊपर रहेंगे केबिन।
- अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सों की संख्या भी हुई दोगुनी।
- अस्पताल में मेडिकल ऑनक्योलॉजिस्ट, सर्जरी ऑनक्योलॉजिस्ट, रेडिएशन ऑनक्योलॉजिस्ट के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ और कोलकाता से आए विशेषज्ञ डॉक्टर।
- अस्पताल में छह दिन आयोजित होगा ओपीडी।
- हर विभाग के लिए रहेंगे तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर। जनरल ड्यूटी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाई गई है।
- ओपीडी के लिए रहेंगे आठ कंसल्टेंट के केबिन।
कैंसर मरीजों की लगातार बढ़ रही है संख्या
टीएमएच प्रबंधन का मानना है कि बिहार-झारखंड सहित पूरे देश में प्रतिवर्ष कैंसर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसके लिए हमारे खान-पान, रहन-सहन मुख्य कारण है। इसलिए लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक अस्पताल को तैयार किया गया है।