Move to Jagran APP

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बांधे टाटा के तारीफों के पुल, आप भी पढें क्या कहा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लगभग विदाई के करीब पहुंची कोरोना महामारी को डॉक्टरों पारा मेडिकल स्टाफ एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्करों की कड़ी मेहनत का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि इनकी उल्लेखनीय भूमिका के लिए सराहना के धन्यवाद शब्द कम है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 09:19 AM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बांधे टाटा के तारीफों के पुल,  आप भी पढें क्या कहा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ।

जमशेदपुर, जासं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लगभग विदाई के करीब पहुंची कोरोना महामारी को डॉक्टरों, पारा मेडिकल स्टाफ एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्करों की कड़ी मेहनत का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि इनकी उल्लेखनीय भूमिका के लिए सराहना के 'धन्यवाद' शब्द कम है। उन्होंने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से चौंकन्ना एवं मुस्तैद रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कोरोना से मुकाबला में प्रधानमंत्री का मंत्र 'जहां बीमारी वहां उपचार' सहायक सिद्ध होगा।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि यद्यपि झारखंड में संक्रमित कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है, तथापि राज्य में अब तक 3,29,072 कोरोना के संक्रमित मरीजों में 3,01,705 ठीक हुए हैं तथा 4,801 की मौत हो गयी है और एक्टिव मरीजों की संख्या 22,566 रह गई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी की रफ्तार में आई कमी के लिए सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों (निजी एवं कॉरपोरेट अस्पतालों) के चिकित्सकों एवं गैर- चिकित्सा कर्मियों की लगन की सराहना करते हुए कहा कि ये युद्ध स्तर पर अपने कर्त्तव्य पथ पर डटे हैं। उन्होंने जमशेदपुर की चिकित्सा व्यवस्था को विशेष उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि यहां के अस्पतालों की प्रबंधकीय कुशलता काबिलेतारीफ़ है। उनकी प्रबंधकीय कुशलता की देन है कि कोरोना टेस्ट की पाॅजिटिविटी रेट में कमी आ रही है और मरीजों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है। आज सभी अस्पतालों से संक्रमित मरीज ठीक होकर घर वापस लौट रहें हैं। उन्होंने कोरोना काल की दूसरी लहर के उफान की चर्चा करते हुए कहा कि तब अस्पतालों में जहां मरीजों के लिए बेड मिलना 'एक अनार सौ बीमार' जैसी हो गई थी, वहीं आज साधारण कोविड बेड आसानी से मिल रहें हैं। कॉरपोरेट अस्पतालों में टीएमएच हो या टाटा मोटर्स अस्पताल जहां सीसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन बेड से लेकर सामान्य बेड के लिए मारामारी हो रही थी, अब स्थिति उससे बाहर निकल गई है।

टाटा स्टील के लिए कही ये बात

दास ने कोरोना काल में प्रमुख कॉरपोरेट अस्पतालों की उल्लेखनीय भूमिका की वजह बताते हुए कहा कि जमशेदपुर के प्रमुख कारपोरेट अस्पताल टीएमएच का शीर्ष प्रबंधन टाटा स्टील के पास होने की वजह से इस अस्पताल में अनुशासन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सच पूछा जाय तो इस अस्पताल के कंधों पर जमशेदपुर ही नहीं, पूरे कोल्हान के गंभीर मरीजों के इलाज का दायित्व रहा है। कोरोना के मामलों में आई कमी में इस अस्पताल का महत्वपूर्ण योगदान है। काॅरपोरेट अस्पतालों में जो अस्पताल कोरोना मरीजों की पूरी गंभीरता से इलाज कर रहा है उनमें टाटा मोटर्स अस्पताल एवं उसकी कोविड शाखा प्लाजा कोविड सेंटर शामिल है। इस अस्पताल का शीर्ष प्रबंधन टाटा मोटर्स के हाथों में है। इस अस्पताल के दूसरे कर्मनिष्ठ चिकित्सक एवं अन्य पारा मेडिकल स्टाफ बिना संक्रमण की परवाह किए अपनी ड्यूटी पर लगे हैं। टाटा स्टील से एसोसिएटेड टिनपलेट कंपनी के अस्पताल में भी कोरोना संक्रमितों की चिकित्सा की जा रही है ।

आक्सीजन मुहैया कराने की भी सराहना

पूर्व मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान टाटा स्टील द्वारा झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई प्रांतों में प्रतिदिन हजारों टन लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए टाटा स्टील की सराहना करते हुए कहा कि टाटा घराना ने देश की विपत्ति के समय हमेशा आगे बढ़कर मदद की है। इसके लिए उद्योगपति रतन टाटा की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने पूर्वी सिंहभूम में कोरोना मामलों में आई गिरावट की चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना नियंत्रण में पूर्वी सिंहभूम को मिल रही सफलता के लिए जिला प्रशासन की अहम भूमिका को श्रेय देना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं। इस मुस्तैदी के लिए जिला प्रशासन के अलावा सभी अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और अन्य गैर चिकित्सा कर्मियों को धन्यवाद देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जिस प्रकार इस कठिन समय में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, उसी ऊर्जा और लगन के साथ कोरोना की अगली जंग का भी मुकाबला करें।

पत्रकारों को लेकर राज्य सरकार संवेदनहीन

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत पर पत्रकारों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार द्वारा राज्य के सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा नहीं देना, पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना लागू नहीं करना और कोरोना काल के दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुग्रह राशि नहीं देना पत्रकारों के प्रति हेमंत सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये का नमूना है । उन्होंने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से किए गए अपने आग्रह को दोहराते हुए इस पर तुरंत अमल करने का पुनः आग्रह किया है और कहा है कि राज्य सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा दे देती है तो कोरोना पीड़ित पत्रकारों को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा सहित अन्य लाभ मिल सकेगा। इसी प्रकार अगर पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना लागू करती है तो इस मुश्किल दौर में बहुत बड़ा संबल मिलेगा। उन्होंने बताया कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में किसी पत्रकार के निधन के बाद उनके परिजनों को पांच-पांच लाख की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार इस जिम्मेदारी से भी भाग रही है। उन्होंने कोरोना काल में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है तथा ड्यूटी के दौरान जिन पत्रकारों, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों ने प्राणोत्सर्ग किया है, उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.