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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मांग- अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए शीघ्र शुरू हो बाल सेवा योजना

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कोरोना महामारी से अपने माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए अतिशीघ्र बाल सेवा योजना शुरू करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 09:22 AM (IST)
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मांग- अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए शीघ्र शुरू हो बाल सेवा योजना
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।

जमशेदपुर, जासं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कोरोना महामारी से अपने माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए अतिशीघ्र बाल सेवा योजना शुरू करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है।

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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार के अलावा उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश आदि के राज्य सरकारों ने अनाथ बच्चों की मदद के लिए कई तरह की सेवा योजनाओं की घोषणा की है। इसी तरह झारखंड सरकार भी राज्य के अनाथ बच्चों के संरक्षण, भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा की व्यवस्था आदि के लिए बाल सेवा योजना के तहत प्रतिमाह एकमुश्त सहयोग राशि प्रदान करने की व्यवस्था करे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारा राज्य झारखंड एक अति पिछड़ा राज्य है। यहां के निवासियों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। ऐसे में झारखंड के अनाथ बच्चे भी पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना से लाभान्वित तो होंगे ही, साथ ही इस कठिन परिस्थिति में हमारा भी कर्तव्य है कि हम अपने राज्य के अनाथ हुए नौनिहालों की देखभाल एवं अच्छे भविष्य के लिए सार्थक कदम उठाएं और अनाथ बच्चों को मासिक वित्तीय सहयोग दें। निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद करें। बच्चों के  पैर पर खड़ा होने तक सरकारी मदद के लिए कारगर योजना तैयार कर उस पर पहल करें।

पत्र में ये भी किया उल्लेख

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि झारखंड सरकार राज्य के ऐसे अनाथ हुए बच्चों के हित में बाल सेवा योजना की शुरुआत करे ताकि अनाथ बच्चों का लालन-पालन से लेकर शिक्षा आदि का प्रबंध हो सके। राज्य सरकार ऐसे बच्चों को वयस्क होने तक प्रतिमाह एकमुश्त राशि अनाथ बच्चे के संरक्षक को प्रदान करे। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिनका कोई संरक्षक नहीं है, उनके आवास की व्यवस्था की जाए और उसका खर्च राज्य सरकार वहन करे।


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