Jharkhand : अब छक के पियो दूध, झारखंड के इन दो जगहों पर लगने जा रहा डेयरी प्लांट
11 साल के लंबे इंतजार के बाद जमशेदपुर व गिरीडीह में दुग्ध उत्पादन के लिए दो डेयरी प्लांट लगने जा रहा है। इसमें एक जमशेदपुर के बालीगुमा में व दूसरा गिरीडीह में लगेगा। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने यह घोषणा की है।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर में करीब 11 वर्ष से प्रस्तावित मेधा डेयरी प्लांट के खुलने की उम्मीद जगी है। इसके साथ ही गिरिडीह में भी नया डेयरी प्लांट खोला जाएगा। इस आशय की घोषणा झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विश्व दुग्ध दिवस के मौके पर की है।
बादल ने कहा कि पशुपालन विभाग दूध उत्पादकों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों द्वारा झारखंड दुग्ध संघ को आपूर्ति किए जाने वाले दूध के लिए प्रोत्साहन राशि एक रुपये प्रति लीटर की दर से दी जाएगी। इसके लिए एक योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि 30 हजार पशुपालकों को केसीसी से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही पलामू, साहिबगंज व सारठ में भी डेयरी प्लांट का उद्घाटन किया जाएगा। जमशेदपुर और गिरिडीह में होटवार में 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता के डेयरी प्लांट का निर्माण किया जाएगा। इन दोनों संयंत्रों की क्षमता 100 टीएलपीडी तक बढ़ाई जा सकेगी।
रांची में लगेगा मिल्क पाउडर प्लांट
इसके अलावा रांची में मिल्क पाउडर प्लांट लगाने की तैयारी की गई है। इसके लिए भी बजट में शामिल किया गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में वार्षिक दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 29.13 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) झारखंड में टर्न-की आधार पर तीन नए डेयरी संयंत्रों का निर्माण और प्रबंधन करेगा। झारखंड सरकार ने एनडीडीबी से इन नए संयंत्रों को सारठ (देवघर), साहेबगंज और पलामू में स्थापित करने का अनुरोध किया है। सारठ, साहेबगंज और पलामू में 50 टीएलपीडी की क्षमता वाले 100 टीएलपीडी तक विस्तार योग्य संयंत्रों का निर्माण अगले साल मार्च, जून व सितंबर तक 90 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इन डेयरी संयंत्रों के खुलने से 2024 तक झारखंड मिल्क फेडरेशन की कुल क्षमता लगभग पांच लाख लीटर प्रतिदिन हो जाएगी।
जमशेदपुर के बालीगुमा में इसी जगह पर लगेगा डेयरी प्लांट
जमशेदपुर में 2010 में ही हुआ था शिलान्यास
जमशेदपुर में डेयरी प्लांट का शिलान्यास 2010 में तत्कालीन कृषि मंत्री मथुरा महतो ने किया था। इसके बाद 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिलान्यास किया। इसके बाद मानगो के बालीगुमा में प्लांट की चारदीवारी व गेट का निर्माण ही हो सका। हालांकि 2010 में इसकी उत्पादन क्षमता 25 हजार लीटर प्रतिदिन रखी गई थी, जबकि 2016 में इसे बढ़ाकर 50 हजार लीटर प्रतिदिन किया गया। इसके लिए लगातार तीन वर्ष बजट भी पास हुआ था, लेकिन अलग-अलग कारणों से इसका निर्माण नहीं हो सका। देखने वाली बात होगी कि इस बार प्लांट खुलता है कि नहीं।