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Jharkhand coaching Reopening : कोचिंग संचालकों की गुहार, रहम करो सरकार, झारखंड में 10 हजार शिक्षकों को परिवार चलाना मुश्‍कि‍ल

Jharkhand coaching closure News. झारखंड में कोविड-19 के कारण अभी तक सभी कोचिंग सेंटर बंद हैं। इस कारण इससे जुड़े 10 हजार शिक्षकों के समक्ष रोजी- रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। जमशेदपुर कोचिंग संघ ने सरकार से फ‍िर से कोचिंग खोलने की अनुमति मांगी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:03 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:05 PM (IST)
Jharkhand coaching Reopening : कोचिंग संचालकों की गुहार, रहम करो सरकार, झारखंड में 10 हजार शिक्षकों को परिवार चलाना मुश्‍कि‍ल
कोचिंग संस्‍थान बंद होने का असर झारखंड के दस हजार शिक्षकों पर पड़ा है।

जमशेदपुर, जासं।  Jharkhand coaching Reopening झारखंड में कोविड-19 के कारण अभी तक सभी कोचिंग सेंटर बंद हैं। इस कारण इससे जुड़े 10 हजार शिक्षकों के समक्ष रोजी- रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। यहां तक इन सेंटरों के संचालकों को भाड़ा देने में परेशानी हो रही है। जीवन-यापन की समस्या उत्पन्न हो गई है। साथ ही अनेक प्रकार की अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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कोचिंग स्थान से संबंधित शिक्षक, प्रबंधन एवं विद्यार्थी समुदाय में किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति बढ़ती ही जा रही है। इस व्यवसाय से जुड़े प्रत्यक्ष लोग प्रतिकूल आर्थिक स्थिति के दौर से गुजर रहे हैं। तमाम प्रतियोगी परीक्षा नियत समय पर हो रही है। इससे विद्यार्थियों की मनोदशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। संस्थान के बंद होने के कारण उनका मार्गदर्शन नहीं हो पा रहा है। 

किराया देने का संकट

कोचिंग संस्थान भाड़ा नहीं देने की वजह से लगभग बंद होने के कगार पर खड़े हैं। अन्य राज्यों में विद्यालय, महाविद्यालय सहित कोचिंग संस्थान खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है, लेकिन झारखंड में यह काम नहीं हुआ है। इस संबंध में कोचिंग संचालक राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य सह आपदा प्रबंधन मंत्री, उपायुक्त से भी गुहार लगा चुके हैं।

संघ ने मांगी खोलने की अनुमति

आग्रह किया गया है कि वे इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति प्रदान करें। यह मांग जमशेदपुर कोचिंग संघ की ओर से की गई है। संघ के विनय सिंह, श्रीमन नारायण त्रिगुण, सुजीत झा, कृष्णा बनर्जी, श्याम भूषण ने बताया कि आने वाले दिनों में अगर हमारे संस्थान नहीं खुले तो वाकई में शिक्षकों को हम वेतन नहीं दे पाएंगे। वर्तमान में आधे शिक्षक ही ऑनलाइन शिक्षा दे पा रहे हैं। अन्य शिक्षक किसी तरह अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले शिक्षक किसी से कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं। वे मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।


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