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JEE and NEET SCAM : जेईई मेन व नीट को लेकर सीबीआई के बड़े खुलासे, कठघरे में एनटीए

JEE and NEET SCAM नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आज सवालों के घेरे में है। जेईई मेन व नीट फर्जीवाड़ा सबके सामने है। सीबीआई नित नए खुलासे कर रही है। जब परीक्षा लेने वाले कर्मचारी ही फर्जीवाड़ा में संलग्न हो तो मामला गंभीर हो जाता है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 06:10 AM (IST)
JEE and NEET SCAM : जेईई मेन व नीट को लेकर सीबीआई के बड़े खुलासे, कठघरे में एनटीए
JEE and NEET SCAM : जेईई मेन व नीट को लेकर सीबीआई के बड़े खुलासे, कठघरे में एनटीए

जमशेदपुर, जासं। देश के दो सबसे बड़े प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा जेईई मेन और नीट मेडिकल को लेकर सीबीआइ ने कई बड़े खुलासे हाल के दिनों में की है। इसे लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कठघरे में आ चुकी है। अब यह सवाल उठने लगा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का क्या कोई कर्मचारी इस पूरे प्रकरण में शामिल है। अगली बार फिर से ऐसा नहीं होगा इसकी भी गारंटी नहीं है। एनटीए को इस तरह के कई सवालों का जवाब देना अब भी बाकी है।

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नीट पास कराने को लिए गए 50-50 लाख रुपए

सीबीआइ ने दावा किया है नीट परीक्षा को पास कराने के लिए नागपुर की एक कंपनी ने 50-50 लाख रुपए लिए थे। इससे पहले इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई मेन को लेकर सीबाआइ की दबिश जमशेदपुर से लेकर हरियाणा तक हो चुकी है। मामले में छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। नीट मेडिकल में भी गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने चार स्थानों पर छापे मारे तथा छह छात्र सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। जेईई मेन का सॉल्वर जमशेदपुर के रंजीत शर्मा का सीबीआई को अब भी तलाश है।

नीट का पेपर लीक होने से मचा हड़कंप

नीट की परीक्षा जब 12 सितंबर को हो रही थी तो देश में एक साथ पेपर लीक के मामले सामने आए थे। जयपुर व उत्तर प्रदेश के केंद्रों में पेपर लीक प्रकरण के मामले सबसे अधिक पाए गए थे। राजस्थान पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते छात्र समेत 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। उत्तर प्रदेश के एक छात्र को पकड़ा गया तो पता चला कि सॉल्वर गैंग किस तरह मेडिकल परीक्षा नीट को पास कराने का किस तरीके से ठेका लेते हैं।

नागपुर के सेंटर से होता था नीट सॉल्वर गिरोह का संचालन

सीबीआइ ने नीट परीक्षा के दस दिन बाद नागपुर के जिस शैक्षणिक प्रतिष्ठान पर छापा मारा था उसका नाम है आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस। इस प्रतिष्ठान के संस्थापक पी कोटपल्लिवार हैं। वे ऐसे लोगों को खोजते थे जो किसी भी कीमत पर इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहते थे। इसके लिए सबसे पहले वे अभिभावकों से संपर्क करते थे।

अभिभावकों से लिए जाते थे 50 लाख का पोस्ट डेटेड चेक

अभिभावकों से 50 लाख रुपए का पोस्ट डेटेट चेक लिया जाता था, साथ दसवीं एवं 12वीं का मूल प्रमाण इस प्रतिष्ठान के अधीन संचालित साल्वर गैंग गिरोह के सदस्य ले लेते थे। एक बार सौंदा होने के बाद प्रतिष्ठान के संस्थापक छात्र का यूजर आइडी व पासवर्ड ले लेते थे। उसके बाद वे अपने हिसाब से छात्रों के केंद्र में परिवर्तन कर देते थे। केंद्र इस प्रतिष्ठान के साथ सांठ-गांठ होती थी। इसके बाद सॉल्वर के साथ मिक्स कर अभ्यर्थी की फोटो, ई-आधार व दूसरे फर्जी दस्तावेज बनाए जाते थे। सॉल्वर को इस केंद्र द्वारा लगभग दस लाख रुपए दिए जाते थे।


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