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सत्ता का केंद्र रहा जमशेदपुर पश्चिमी, जो जीता बना मंत्री Jamshedpur News

जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट राज्य की सत्ता की केंद्र बिंदु रही है। झारखंड राज्य गठन के बाद इस सीट से जो भी जीता वह मंत्री बना।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 04:35 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 04:35 PM (IST)
सत्ता का केंद्र रहा जमशेदपुर पश्चिमी, जो जीता बना मंत्री Jamshedpur News
सत्ता का केंद्र रहा जमशेदपुर पश्चिमी, जो जीता बना मंत्री Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। Jamshedpur west is the center of power who win became a minister पूर्वी सिंहभूम जिले में छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट राज्य की सत्ता की केंद्र बिंदु रही है। झारखंड राज्य गठन के बाद इस सीट से जो भी जीता, वह मंत्री बना।

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वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेश उर्फ बन्ना गुप्ता ने भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र प्रसाद सिंह को हरा कर चुनाव जीता। झामुमो-कांग्रेस महागठबंधन की सरकार सत्ता में काबिज हुई। बन्ना गुप्ता मंत्री पद पर काबिज हुए। इससे पहले राजग गठबंधन की सरकार में जमशेदपुर पश्चिम से भाजपा के विधायक रहे सरयू राय मंत्री बने थे। इससे पहले झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में बन्ना गुप्ता कृषि व आवास मंत्री बने थे। झारखंड गठन के बाद पहली सरकार में जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक रहे मृगेंद्र प्रताप सिंह वित्त मंत्री बने थे। 2004 में भाजपा सरकार में जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक मृगेंद्र प्रताप सिंह राज्य विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए थे। झारखंड गठन के बाद इस सीट पर जो भी जीता वो दो बार मंत्री बना। मृगेंद्र प्रताप सिंह, सरयू राय और बन्ना गुप्ता इसके उदाहरण हैं।

मंत्री बने बन्ना के आवास व कार्यालय में पसरा रहा सन्नाटा
मंगलवार को कांग्रेस सहित बन्ना समर्थकों के लिए खुशी का दिन था। लेकिन झारखंड सरकार में मंत्री बने बन्ना गुप्ता के कार्यालय व घर पर सन्नाटा पसरा रहा। मंगलवार को रांची स्थित राजभवन में बन्ना गुप्ता ने झारखंड सरकार में दूसरी बार मंत्री पद की शपथ ली। ऐसे में उम्मीद थी कि जमशेदपुर के कदमा स्थित उनके आवास व कार्यालय पर समर्थकों की भीड़ होगी। मिठाई बंटते होंगे, समर्थक पटाखे फोड़ रहे होंगे। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं था। शाम छह बजे उनके आवास व कार्यालय पर सन्नाटा पसरा रहा। बस उनका आवासीय कार्यालय खुला था। वहां भी दो-तीन कर्मचारी स्थानीय निवासियों के काम करने के लिए तैनात थे। पूछने पर पता चला कि परिवार के सभी सदस्य, समर्थक और बन्ना गुप्ता के करीबी रांची गए हैं। इसलिए यहां फिलहाल कोई जश्न का माहौल नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंत्री बनने के बाद बन्ना गुप्ता के शहर आगमन पर ही जश्न होगा। 

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