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गुड़ाबांधा जंगल से बच्ची मिली, मां ने ठोका दावा

घाटशिला अनुमंडल के गुड़ाबांधा क्षेत्र स्थित वारुणमुठी जंगल से बोरे में बंद एक नवजात बच्ची बरामद हुई है। उधर एमजीएम अस्पताल से जिस मां की बच्ची चोरी हुई है उसका दावा है कि यह बच्ची उसी की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 07:21 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:36 AM (IST)
गुड़ाबांधा जंगल से बच्ची मिली, मां ने ठोका दावा
गुड़ाबांधा जंगल से बच्ची मिली, मां ने ठोका दावा

जासं, जमशेदपुर : घाटशिला अनुमंडल के गुड़ाबांधा क्षेत्र स्थित वारुणमुठी जंगल से बोरे में बंद एक नवजात बच्ची बरामद हुई है। उधर, एमजीएम अस्पताल से जिस मां की बच्ची चोरी हुई है, उसका दावा है कि यह बच्ची उसी की है। लेकिन सिटी डीएसपी अनुदीप सिंह ने कहा है कि जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि बच्ची किसकी है। उधर, बच्ची चुराने वाली महिला अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

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शुक्रवार देर रात नवजात बच्ची को लेकर पुलिस एमजीएम अस्पताल पहुंची। पुलिस के अनुसार बच्ची वारुणमुठी जंगल में एक बोरे में भरकर फेंकी हुई मिली है। बोरे का मुंह पत्थर से दबा हुआ था। सुबह में जब जंगल की ओर गांव की महिलाएं गई तो बोरे से रोने की आवाज आई। इसके बाद महिलाओं ने बोरा खोलकर देखा तो उसमें बच्ची मिली। इसके बाद महिलाओं ने उस बच्ची को गुड़ाबांधा थाने के समीप रहने वाली आसमां बीबी के हवाले कर दिया। आसमां बीबी सबसे पहले बच्ची को लेकर पुत्रवधु के पास गई। पुत्रवधु ने स्तनपान कराया। इसके बाद आसमां बीबी ने पास के आंगनबाड़ी केंद्र और पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने साकची थाने को जानकारी दी। एमजीएम में बच्ची पहुंची तो वजन डेढ़ किलो हो चुका है। जन्म के समय वजन ढाई किलो था। आसमां बीबी का कहना है कि बच्ची जब बोरा से निकाली गई तो वह खून से लथपथ थी। उसके अनुसार बच्ची का जन्म किसी घर में हुआ। उसके बाद किसी ने जंगल में फेंका दिया। मालूम हो कि चाईबासा के बड़ागुइरा गांव के नौरु पूर्ति की पत्नी पंगेला देवी प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की रात भर्ती करायी गई थी। बुधवार की सुबह ऑपरेशन से प्रसव हुआ और दोपहर करीब 12.15 बजे बच्ची चोरी हो गई।

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आरोपित महिला ही

खोल सकती हैं राज

उधर, बच्ची चुराने वाली महिला अबतक पुलिस की पकड़ से बाहर है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस उसे तलाश रही है। जबतक वह महिला पकड़ी नहीं जाती, स्पष्ट नहीं होगा कि बच्ची वही है या दूसरी। अगर मामला नहीं सुलझ पाया तो डीएनए जांच की नौबत आ सकती है।

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चोरी की घटनाएं को लेकर

सचिव से मिले अधीक्षक

उधर, अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी से शुक्रवार को मुलाकात कर घटना की जानकारी दी। बताया कि अस्पताल से सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटा दी गई है। इस कारण चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। कहा कि अभी सिर्फ 30 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। पहले 130 कर्मी हुआ करते थे। उन्होंने संख्या बढ़ाने की मांग की। साथ ही सचिव के समक्ष ड्रेसर व वार्ड ब्वाय का मुद्दा रखा। इसपर सचिव ने कहा कि जल्द ही स्थायी समाधान होगा। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था करने की सलाह दी।

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