बिहार के किशनगंज मदरसे से भागकर टाटा पहुंचे दो बच्चे, गढ़ी अपहरण की कहानी
बिहार के किशनगंज स्थित मदरसे में पढ़ने वाले दो बच्चे दो दिन पहले मदरसे से फरार हो गए। भागकर ये हावड़ा स्टेशन पहुंच गए।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिहार के किशनगंज स्थित मदरसे में पढ़ने वाले दो बच्चे दो दिन पहले मदरसे से फरार हो गए। भागकर ये हावड़ा स्टेशन पहुंच गए। दोनों की उम्र 10-12 वर्ष की है। हावड़ा स्टेशन से ये हावड़ा -बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस पर सवार हो गए। इसी बीच टीटीई विकास कुमार की नजर इन बच्चों पर पड़ गई तो उन्होंने पहले चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, फिर उन्हें टाटानगर स्टेशन लाकर चाइल्ड लाइन के अधिकारी के हवाले कर दिया।
टाटा में जब बच्चों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे बिहार के किशनगंज स्थित मदरसा में रहते थे। तुरंत मदरसे में संपर्क किया गया, लेकिन मदरसा संचालकों को तबतक यह पता ही नहीं था कि ये दोनों बच्चे मदरसे से भाग गए हैं। पहले बच्चों की तलाश मदरसे में की गई फिर उनके लापता होने की बात बताई गई। चाइल्ड लाइन के अधिकारी ने बच्चों के अभिभावकों से बात की। बच्चों को लेने के लिए टाटानगर जल्द ही पहुंचेंगे। फिलहाल दोनों बच्चों को घाघीडीह स्थित बाल गृह में रखवा दिया गया है।
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अपहरण की झूठी कहानी बयां की
बच्चों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि दो दिन पहले चार लोगों ने मिलकर उनका अपहरण किशनगंज से कर लिया था। उन्हें जबरन कार में बैठा कर किशनगंज स्टेशन ले आए थे। जहां से वे दोनों चकमा देकर फरार हो गए और ट्रेन में बैठकर हावड़ा पहुंच गए। लेकिन वहां से फिर वे जनशताब्दी एक्सप्रेस में बैठ गए। तब तक उनदोनों पर टीटीई की नजर पड़ गई और उन्हें उनलोगों ने सारी बात बताई। दो दिनों से कुछ खाया नहीं था। फिर ट्रेन में ही टीटीई ने नाश्ता भी कराया।