Jamshedpur News: रेलवे स्टेशन के आसपास बनी दुकानों पर चला पीला पंजा, 15 दुकानों को किया गया ध्वस्त
Jamshedpur News रेलवे की इंजीनियरिंग विभाग ने शुक्रवार शाम ही अवैध रूप से संचालित दुकानों को हटाने के लिए उदघोषणा की थी। शनिवार सुबह भी कार्रवाई शुरू करने से पहले दुकानदारों को फिर से अपना सामान हटाने की मोहल्लत दी गई।
जमशेदपुर, जासं। रेलवे अपनी जमीन को व्यापार संचालन के लिए लीज पर देती है, लेकिन जब वर्षों से दुकानदार किराया नहीं दे तो फिर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग का बुल्डोजर चलता है। शनिवार सुबह टाटानगर रेलवे स्टेशन से आगे, टाटा से हाता रोड के बीच इंजीनियरिंग विभाग का पीला पंजा चला और 15 दुकानों को ध्वस्त कर दिया।
रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग की माने तो वर्ष 1986 में छेदी लाल को रेलवे की ओर से तीन दुकानों का आवंटन किया गया था। उनके निधन के बाद उनका बेटा चंचल श्रीवास्तव दुकान का संचालन कर रहे थे। आरोप है कि इन दुकान की आड़ में चंचल श्रीवास्तव ने कई और दुकानें खड़ी कर ली थी। इनमें से कुछ दुकानों को उन्होंने अवैध रूप से किसी को साढ़े लाख में तो किसी को चार लाख रुपये में बेच भी दिया है। जबकि रेलवे की जमीन पर उन्हें दुकान बेचने का अधिकार नहीं है। इंजीनियरिंग विभाग की माने तो वर्ष 2005 से चंचल श्रीवास्तव की ओर से रेलवे को किराया देना भी बंद कर दिया है। जबकि किराया 20 लाख रुपये से ऊपर पहुंचा तो इंजीनियरिंग विभाग दुकान को हटाने के लिए रेलवे कोर्ट पहुंची। कोर्ट से डिग्री मिलने के बाद शनिवार को तीन आवंटित व आसपास अवैध रूप से संचालित 15 दुकानों को जमीदोज कर दिया गया। यहां पर टायर दुकान, चाय दुकान, पान गुमटी, राशन दुकान होटल सहित अन्य दुकानें संचालित थी।
रात में की गई थी उदघोषणा
रेलवे की इंजीनियरिंग विभाग ने शुक्रवार शाम ही अवैध रूप से संचालित दुकानों को हटाने के लिए उदघोषणा की थी। शनिवार सुबह भी कार्रवाई शुरू करने से पहले दुकानदारों को फिर से अपना सामान हटाने की मोहल्लत दी गई। इसके बाद रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग का बुल्डोजर चला और सभी दुकानों को ध्वस्त कर दिया।
दुकान खरीदने वाले परेशान
चंचल श्रीवास्तव से रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बेचे गए दुकान खरीदने वाले खरीदार अब परेशान है और वे अब चंचल श्रीवासतव की तलाश कर रहे हैं। मकदमपुर मुंशी मोहल्ला निवासी चंचल श्रीवास्तव खबर सुनते ही तबियत खराब होने का बहाना बनाते हुए अस्पताल में भर्ती हो गए हैं।
भारी संख्या में तैनात थी फोर्स
अतिक्रमण हटाने को लेकर रेलवे प्रोटक्शन फोर्स के जवान भारी संख्या में तैनात थे। कार्रवाई के दौरान टाटा हाता रोड भी काफी देर जाम रहा। ऐसे में आरपीएफ के जवान धीरे-धीरे ट्रैफिक को क्लियर कराते रहे। वहीं, कार्रवाई का विरोध करने के लिए झामुमो के कुछ नेता भी मौके पर पहुंचे थे लेकिन भारी संख्या में पुलिस बल को देखने के बाद वे भी चुपचाप वहां से निकल गए।
कोर्ट के आदेश के बाद हटाया गया अतिक्रमण
पूरी कार्रवाई का संचालन कर रहे आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त जेसी नायक का कहना है कि कोर्ट के आदेश के तहत कार्रवाई किया है। यदि अवैध रूप से रेलवे की जमीन पर बने दुकानों को बेचा गया है तो इंजीनियरिंग विभाग जांच करेगी।
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