Weekly News Roundup Jamshedpur : पुतला जलाने में जलने से बचे, पढ़िए सियासी जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur siyaasee adda. पुतले में आग लगाते ही ऐसी हवा चली कि कई नेता आग की लपट से बाल-बाल बचे। कार्यक्रम में शामिल लोगों के बीच चर्चा होने लगी।
जमशेदपुर, दिलीप कुमार। Weekly News Roundup Jamshedpur siyaasee adda झारखंड विकास मोर्चा के भारतीय जनता पार्टी में विलय के बाद पार्टी में आने वाले शहर के नेता आखिर कब तक बाहरी करार दिए जाएंगे। विधानसभा में बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का ओहदा नहीं दिए जाने से आक्रोशित भाजपाइयों ने 16 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका।
पुतला दहन कार्यक्रम में शहर के कद्दावर भाजपा नेताओं के साथ झाविमो से भाजपा में आए नेता भी शामिल हुए। पुतले में आग लगाते ही ऐसी हवा चली कि कई नेता आग की लपट से बाल-बाल बचे। इसे लेकर कार्यक्रम में शामिल लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा होने लगी। इसी बीच बात फैली कि बाहर वालों को शामिल करेंगे तो यही होगा। इशारा झाविमो से भाजपा में आए नेताओं की ओर था, जो पहली बार भाजपा के प्रदर्शन में शामिल हुए थे। वैसे कभी वे भी भाजपाई ही हुआ करते थे। उन पर कब तक झाविमो का ठप्पा रहेगा।
पाइप फटने से चमक रही नेतागीरी
मानगो में जलापूर्ति योजना की पाइप आए दिन फट रही है। यह नेतागिरी चमकाने का अवसर दिला रहा है। कुछ नेता रात को यही सोचकर सोते हैं कि सुबह कहीं से पाइप फटने की खबर मिले और अखबार में उनकी फोटो छपे। दरअसल सड़क निर्माण, अंडरग्राउंड बिजली तार और गैस पाइप बिछाने के दौरान कई बार जलापूर्ति का पाइप फट चुका है। पाइप फटने के बाद सैकड़ों-हजारों घरों में जलापूर्ति बाधित हो जाती है। ऐसे में नेताओं को अनायास ही जनता का साथ मिल जाता है। पाइप फटने को लेकर आंदोलन करने में भाजपा के विकास सिंह और भारतीय जन मोर्चा के संतोष भगत में होड़ रहती है। इसी चक्कर में पिछले दिनों मानगो पेयजल विभाग के पाइप इंस्पेक्टर वकील सिंह को महिलाओं ने चप्पल तक दिखा दिया। दोनों नेता पाइप फटने की सूचना देने के लिए लोग भी तैनात कर रखे हैं। पौ फटते ही पहले उन्हें सूचना मिले।
फुटपाथ पर चलती सरकार की पार्टी
झारखंड में सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा पूर्वी सिंहभूम जिले में फुटपाथ पर ही दिन गुजार रही है। जिस पार्टी की राज्य में सरकार है, उसका जिला कार्यालय तंबू में चल रहा है। सर्दी हो या गर्मी, बरसात हो या आंधी, सड़क किनारे पार्टी का जिला कार्यालय संपर्क स्थल के नाम से वर्षो से चल रहा है। बैठक आदि के लिए पार्टी को किसी सभागार में जाना पड़ता है। सभागार खाली नहीं मिलने पर कई बार कार्यक्रमों का स्थान परिवर्तन भी किया जा चुका है। यहीं से पूरे जिले की कमान संभाल कर जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन अपनी घाटशिला सीट के साथ बहरागोड़ा, पोटका और जुगसलाई विधानसभा भी जीत गए। इसके साथ ही जमशेदपुर पश्चिमी से गठबंधन दल के प्रत्याशी को विजयी बनाने में कामयाब रहे हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में जहां छोटे-छोटे राजनीतिक दलों के भी कार्यालय हैं। ऐसे में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा का जिला कार्यालय नहीं होना आश्चर्यजनक है।
विदेश क्या गए अछूत हो गए
कोरोना वायरस का प्रकोप ऐसा फैला कि अब अपनों को भी संदेह की नजर से देखने लगे हैं। ऐसे में अगर आप विदेश से वापस आए हों या विदेशी हों तो लोग ऐसे सलूक कर रहे हैं, जैसे आप अछूत हों। हालांकि, कोरोना में एक बात तो खास है कि इसने सभी को एक कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। कोई खास नहीं और कोई आम नहीं। आप सरकारी अधिकारी हों या निजी कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी हो या आम नागरिक, विदेश से लौटे हों तो सभी को एक ही प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस कारण सभी में भय सताने लगा है। विदेश से आने वाले लोग छुपते फिर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को प्रकाश में आया। एक कंपनी के बड़े अधिकारी का नाम विदेश दौरे से वापस आने वालों में सामने आया। प्रशासन ने अधिकारी के नाम को ही नहीं पूरा मामला गोपनीय रख लिया।