प्रकृति की सुंदरता समेटे पहाड़भांगा की सैर कर महसूस करेंगे तरोताजा, एक बार आइए तो सही
हरी-हरी घास के ऊपर बादलों की चहलकदमी बादलों के बीच सूरज की लुकाछिपी कल-कल करती जलधारा व पहाड़ देखते ही बनते हैं। ऐसा ही एक स्थल है पोटका प्रखंड का पहाड़ भांग।
जमशेदपुर, दिलीप कुमार। झारखंड के पूरे कोल्हान प्रमंडल में प्रकृति ने अपने सौन्दर्य का खजाना खोल रखा है। आसमान छूते पहाड़ों की चोटी, घने जंगल में जानवरों की अठखेलियां तो कहीं कल-कल करती नदियां और झरने, आदिवासियों के पारंपरिक गीत-संगीत से सुरमयी होती वादियां आदि सैलानियों को बरबस ही आकर्षित करती हैं, लेकिन राज्य सरकार और पर्यटन विभाग की उदासीनता से कई रमणीक स्थल शोहरत के पटल पर गुम हैं।
हरी-हरी घास के ऊपर बादलों की चहलकदमी, बादलों के बीच सूरज की लुकाछिपी, कल-कल करती जलधारा व पहाड़ देखते ही बनते हैं। ऐसा ही एक स्थल है पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड का पहाड़ भांगा। इसे प्रकृति ने अनुपम सुंदरता से संवारा है। प्रकृति के सानिध्य का अहसास कराता यह पहाड़ भांगा वर्तमान में अपनी पहचान का मोहताज है। पहाड़ भांगा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने से जहां स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं पर्यटन के मानचित्र पर जिले का सुदुरवर्ती गांव भी उभरेगा।
पोटका से 10 किलोमीटर उत्तर की ओर है पहाड़ भांगा
पोटका प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर शंकरदा पंचायत अंतर्गत दामुडीह गांव के लोवाडीह टोला के निकट है पहाड़ भांगा। यहां पहुंचने के लिए पोटका प्रखंड मुख्यालय या पोटका चौक से शंकरदा, दामुडीह होते हुए लोवाडीह तक पक्की सड़क है। लोवाडीह से पहाड़ भांगा तक करीब दो किलोमीटर तक कच्ची सड़क है, जहां से होकर आप पहाड़ भांगा पहुंच सकते हैं। पहाड़ भांगा में कल-कल करती स्वच्छ जल की बहती नदी और नदी के बीच व आसपास चट्टान, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ कोल्हान का खूबसूरत स्थल है।
ग्राम सभा करती निगरानी
यहां आने वालों की निगरानी ग्राम सभा करती है। लोवाडीह के पास ग्राम सभा ने बोर्ड लगाया है। इसमें आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। ग्राम सभा ने परिसर में प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी लगा रखी है।
परिवार के साथ आने की इजाजत
पहाड़भांगा में सिर्फ परिवार के साथ ही आने की अनुमति है। प्रेमी जोड़े के पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना के साथ कार्रवाई भी की जाती है। एक किलोमीटर के परिधि में शराब नहीं पी सकते। पर्यटन स्थल में हो सकता विकसित सरकार ध्यान दे तो पहाड़भांगा पर्यटन क्षेत्र के रुप में विकसित हो सकता है। पर्यटकों के लिए ठहरने के लिए रिसोर्ट, खाने-पीने के लिए होटल, रमणीक स्थल को निहारने के लिए सुविधाजनक स्थल का विकास, बच्चों के खेलने के लिए पार्क समेत सैलानियों के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराने की जरूरत है।