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Jamshedpur Politics: ढाई बजे रात में सांसद ने किया सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण, आखिर क्याें

Jamshedpur Politics झारखंड के जमशेदपुर स्थित बिष्टुपुर में खरकई पुल के पास सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा रातों-रात स्थापित कर दी गई। इससे बड़ी बात यह है कि सांसद विद्युत वरण महतो ने ढाई बजे रात में इस प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 01:53 PM (IST)
बिष्टुपुर में खरकई पुल के पास सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते सांसद विद्युत वरण महतो।

जमशेदपुर, जासं। झारखंड के जमशेदपुर स्थित बिष्टुपुर में खरकई पुल के पास सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा रातों-रात स्थापित कर दी गई। इससे बड़ी बात यह है कि सांसद विद्युत वरण महतो ने ढाई बजे रात में इस प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इसके बाद सुबह 10 बजे सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक समिति द्वारा पटेल जयंती मनाई गई, उसमें भी सांसद शामिल हुए। सांसद ने प्रतिमा का विधिवत अनावरण कर समारोह का उद्घाटन किया, जिसमें कोल्हान के पूर्व आयुक्त मोहनलाल राय समेत कई गणमान्य ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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सुबह 10 बजे के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि आधुनिक भारत की जो तस्वीर आज हम सभी देख रहे हैं, उसके निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल रहे हैं। सारा देश उनका ऋणी है। देश के 565 रियासतों का एकीकरण बहुत ही दुरूह और मुश्किल कार्य था, लेकिन उनके कुशल और कठोर नेतृत्व ने इस मुश्किल काम को सरल बना दिया। सरदार पटेल दूसरों के लिए सरल और अपने लिए कठोर थे। उनका जीवन सादगी भरा था। वह किसानों के हमदर्द थे। लौहनगरी में लौहपुरुष की प्रतिमा स्थापित होना सौभाग्य का विषय है। यहां से भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा मिलेगी। इस दौरान लड्डू वितरण भी किया गया।

इनकी रही उपस्थिति

रात ढाई बजे वाले कार्यक्रम में सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक समिति के कुछ लोग शामिल थे, जबकि सुबह 10 बजे वाले समारोह में रामाश्रय प्रसाद, ललित कुमार सिंह, ओमप्रकाश सिंह, अशोक मंडल, पुरेंद्र नारायण सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, चंद्रमोहन चौधरी, धर्मेंद्र प्रसाद, संजीव कुमार, मानिक प्रसाद सिंह, सत्य प्रकाश, रामाशीष सिंह, नित्यानंद, विद्याभूषण, पवन चौधरी, श्रवण मंडल शंभू शरण, अरुण चौधरी समेत कई लोग उपस्थित थे।

पुलिस, प्रशासन व टाटा स्टील तक को नहीं लगी भनक

इसमें यह सवाल अहम है कि आधी रात को प्रतिमा क्यों स्थापित की गई। पटेल की प्रतिमा कितनी गोपनीय तरीके से लगाई गई कि पुलिस, पशासन या टाटा स्टील को भनक तक नहीं लगी। दरअसल, कंपनी क्षेत्र में टाटा स्टील कहीं भी मूर्ति या प्रतिमा स्थापित नहीं करने देती है। चौक-चौराहे पर तो कतई नहीं। शहर में अब तक चौक-चौराहों पर जितनी भी मूर्तियां लगी हैं, सबके खिलाफ टाटा स्टील ने पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से लिखित शिकायत कर रखी है, जिसे अतिक्रमण बताते हुए प्रशासन से हटाने का आग्रह किया है। जिला प्रशासन भी कंपनी की शिकायत पर इस मामले को अतिक्रमण मानते हुए कोर्ट में मुकदमा कर देती है। इसी वजह से पटेल की इस प्रतिमा काे आधी रात में स्थापित किया गया। दिन में यह काम होता तो कंपनी के अधिकारी व सुरक्षाकर्मी शायद स्थापित नहीं करने देते। इसका साक्षात उदाहरण कदमा के गणेश पूजा मैदान में स्व. सांसद सुनील महतो की प्रतिमा स्थापित नहीं होना है। यहां तत्कालीन सांसद सुमन महतो ने अपने पति सुनील महतो की प्रतिमा 2008 में स्थापित करने की योजना बनाई थी, जिसे जिला प्रशासन ने रोक दिया था। इसके बाद वहां धारा-144 लगा दी गई, जो आज तक जारी है। शायद देश में कहीं भी इतने लंबे समय तक धारा-144 लागू नहीं होगी।

कंपनी एरिया में सार्वजनिक स्थल पर इन महापुरुषों की लगी है प्रतिमा

जेएन टाटा (जुबिली पार्क व पोस्टल पार्क, बिष्टुपुर), वीजी गोपाल (माइकल जॉन आडिटोरियम, बिष्टुपुर), लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मानगो पुल के पास), महाराणा प्रताप (मेरीन ड्राइव मोड़, बिष्टुपुर), डा. भीमराव आंबेडकर (पुराना कोर्ट गोलचक्कर, साकची), नेताजी सुभाषचंद्र बोस (आमबगान मैदान, साकची), शहीद निर्मल महतो (कदमा, उलियान व सोनारी)।

बिष्टुपुर में खरकई पुल के पास सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते सांसद विद्युत वरण महतो


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