जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोरोना को लेकर 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हुआ था। इसके दो दिन पहले ही कटक का एक युवक अमृतसर से निकल गया था। वह वहां से 23 मार्च को कटक जाने के लिए पैदल ही निकल गया।
जमशेदपुर पैदल पहुंचने में लग गए 15 दिन
बीच-बीच में उसने राशन, फल व सब्जी वाली ट्रकों से लिफ्ट भी लिया, लेकिन उसे जमशेदपुर पहुंचने में 15 दिन लग गए। छह अप्रैल को दोपहर करीब 12 बजे वह सोनारी स्थित दोमुहानी पुल से गुजर रहा था कि वहां तैनात पुलिस की नजर उस पर पड़ गई।
पुल के जमशेदपुर छोर पर पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन का चेकपोस्ट है, जहां कोरोना को लेकर मजिस्ट्रेट व पारा-मेडिकल स्टाफ तैनात हैं। जब इन्होंने पूछताछ की तो अवाक रह गए। युवक अमृतसर से जमशेदपुर पहुंच गया था, लेकिन रास्ते में कहीं उसे चेक नहीं किया गया।
थर्मल स्कैनिंग कर किया गया क्वारंटाइन
यहां तैनात कर्मचारियों ने उसकी थर्मल स्कैङ्क्षनग की, तो उसके शरीर का तापमान संतुलित निकला। इसके बावजूद उसका नाम-पता दर्ज करके हाथ पर मुहर लगाकर सरकारी क्वारंटाइन में रखने का निर्णय लिया गया। वहां मौजूद मजिस्ट्रेट ने बताया कि युवक को 14 दिन तक जमशेदपुर में ही क्वारंटाइन में रखा जाएगा। युवक ओडिशा स्थित कटक की एक कंपनी में काम करता है। वह कंपनी का कोई सामान लेकर अमृतसर गया था।
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