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India Lockdown नवरात्र के दस दिन बाद क्रेन के सहारे विसर्जित की गई देवी दुर्गा की प्रतिमा Jamshedpur News

चैत्र नवरात्र पर हुए बासंती दुर्गा पूजा में बेल्डीह कालीबाड़ी में स्थापित देवी दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए लॉकडाउन खत्‍म होने का इंतजार किया जा रहा था।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 10:26 PM (IST)
India Lockdown  नवरात्र के दस दिन बाद क्रेन के सहारे विसर्जित की गई देवी दुर्गा की प्रतिमा Jamshedpur News
India Lockdown नवरात्र के दस दिन बाद क्रेन के सहारे विसर्जित की गई देवी दुर्गा की प्रतिमा Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। न कोई धूमधाम, नाच गाना और न ही जुलूस। शहरवासियों ने शायद ही कभी इस तरह का दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन देखा हो। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चल रहे लॉकडाउन में बिना किसी भीड़भाड़ के सादगी पूर्वक दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन सोमवार को स्‍वर्णरेखा नदी में कर दिया गया। यह प्रतिमा बेलडीह कालीबाड़ी की थी।

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प्रतिमा को भी क्रेन के सहारे नदी के जल में विसर्जित किया गया। दरअसल, शारदीय नवरात्र पर तो पूरे शहर व आसपास हजारों की संख्‍या में दुर्गा प्रतिमा स्‍थापित की जाती हैं और काफी धूम-धड़ाका भी होता है लेकिन बासंतिक नवरात्र पर कुछ गिने-चुने स्‍थानो पर ही दुर्गा प्रतिमा को स्‍थापित कर पूजा-अर्चान की जाती है। इनमें प्रमुख है यह बेल्‍डीह कालीबाड़ी। 

पूजा समाप्‍त होने के बाद हो रहा था लॉकडाउन खत्‍म होने का इंतजार

चैत्र नवरात्र पर हुए बासंती दुर्गा पूजा में बेल्डीह कालीबाड़ी में स्थापित देवी दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए लॉकडाउन खत्‍म होने का इंतजार किया जा रहा था। लाकडाउन रहने के कारण कालीबाड़ी में स्थापित विशाल व भव्य प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया गया था।

लाकडाउन में अधिक लोगों के एकसाथ जमा होने पर मनाही है। ऐसे में कालीबाड़ी में लाकडाउन हटने के बाद प्रतिमा का विसर्जन करने का निर्णय लिया था। इस संबंध में कालीबाड़ी के ट्रस्टी पंडित मनोविद भट्टाचार्य ने बताया कि सोमवार को बिष्टुपुर पुलिस आई और प्रतिमा का विसर्जन करने की बात कही। पुलिस के सहयोग ही क्रेन के माध्यम से प्रतिमा का विसर्जन सोनारी के दोमुहानी में कर दिया गया।

नवरात्र के करीब दस दिन बाद हुए इस प्रतिमा विसर्जन के दौरान भक्तों की अधिक उपस्थिति नहीं रही। बासंती की प्रतिमा का विसर्जन सोमवार को सादगी पूर्वक क्रेन के माध्यम से किया गया। हालांकि नवरात्र के समापन पर  दशमी को पारंपरिक रीति-रिवाज से कलश का विसर्जन कर दिया गया था।


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