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जनता की गाढी कमाई का दुरूपयोग, बगैर उपयोग बर्बाद हो गए 48 लाख के दो शौचालय

Jamshedpur News. जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स के रूप में अर्जित सरकारी पैसे का दुरुपयोग कैसे किया जाता है इसका नमूना देखना हो तो चाकुलिया नगर पंचायत चले आइए। यहां आपको एक से बढ़कर एक उदाहरण मिल जाएंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 09:53 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 09:53 AM (IST)
जनता की गाढी कमाई का दुरूपयोग, बगैर उपयोग बर्बाद हो गए 48 लाख के दो शौचालय
शौचालय के भीतर दरवाजे पर लगा दीमक एवं टूटी पाइप लाइन।

चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), पंकज मिश्रा। Jamshedpur News जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स के रूप में अर्जित सरकारी पैसे का दुरुपयोग कैसे किया जाता है, इसका नमूना देखना हो तो चाकुलिया नगर पंचायत चले आइए। यहां आपको एक से बढ़कर एक उदाहरण मिल जाएंगे।

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करोड़ों की लागत से बना अधूरा पार्क, बगैर इस्तेमाल के बर्बाद हो रहे सामुदायिक शौचालय, जहां-तहां बना कर छोड़ दिए गए सामुदायिक भवन समेत तमाम उदाहरण यहां मौजूद हैं। सार्वजनिक स्थलों से दूर सन्नाटे में बनाए गए सामुदायिक शौचालय तो आम जनता के उपयोग के बिना ही बर्बाद हो चुके हैं। चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में प्रवेश करते ही वार्ड संख्या एक अंतर्गत कमारीगोड़ा गोविंदपुर में सरकारी अस्पताल के पीछे एक सामुदायिक शौचालय बना हुआ है। चारों तरफ से झाड़ियों से घिरी होने के कारण करीब 24 लाख की लागत से निर्मित यह सरकारी संपत्ति आपको दूर से नजर ही नहीं आएगी। अलबत्ता जब आप इसके नजदीक जाएंगे तो पाएंगे कि टाइल्स व मार्बल से बना यह शौचालय टूट-फूटकर पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। जबकि इसका इस्तेमाल एक भी दिन नहीं हुआ है। शौचालय का मुख्य दरवाजा टूट चुका है। किसी भी खिड़की या वेंटीलेटर में कांच नहीं बचा है। सुनसान जगह होने के कारण शौचालय में पानी के लिए लगाए गए सबमर्सिबल मोटर पंप तथा भंडारण के लिए छत पर रखी गई टंकी को चुराने में चोरों को कोई खास परेशानी नहीं हुई। लगने के चंद दिनों बाद ही उन्होंने मौका देखकर टपा दिया।

 चोरों की हो गइ चांदी

शौचालय के भीतर लगे बिजली के बल्ब, पंखे, नल, पाइप, बेसिन एवं कांच भी एक- एक चोर लेते गए। अब यहां बड़े-बड़े दीमक के टीले एवं टूटे-फूटे सामान ही अवशेष बचे हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति वार्ड संख्या 11 अंतर्गत नागा बाबा मंदिर के समीप बने शौचालय की भी है। यह भी टूटकर तहस-नहस हो चुका है। अधिकांश सामानों पर चोर हाथ साफ कर चुके हैं। इसके निर्माण पर भी तकरीबन 24 लाख की लागत आई थी। यानी 48 लाख रुपये की सरकारी संपत्ति पर पूरी तरह पानी फिर चुका है।

ये कहते जिम्मेदार

उक्त दोनों ही सामुदायिक शौचालय ऐसी जगह बनाये गए है जहां उनका उपयोग करना है मुश्किल है। किन परिस्थितियों में स्थल चयन उस समय किया गया इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। शौचालय भवन का उपयोग किसी दूसरे काम में लिया भी नहीं जा सकता।

- देवलाल उरांव, प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी, चाकुलिया नगर पंचायत


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