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Jamshedpur News: पूर्व सिविल सर्जन डॉ. धर्मनाथ सिंह को नहीं मिल सका समय पर बेड, इलाज के अभाव में हो गई मौत

Jamshedpur Coronavirus News कोरोना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं। पूर्व सिविल सर्जन डॉ. धर्मनाथ सिंह को सांस लेने में परेशानी होने पर एमजीएम अस्पताल ले जाया गया लेकिन यहां न तो समय पर बेड मिल सका और न ही ऑक्सीजन। उनकी मौत हो गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 09:58 AM (IST)
Jamshedpur News: पूर्व सिविल सर्जन डॉ. धर्मनाथ सिंह को नहीं मिल सका समय पर बेड, इलाज के अभाव में हो गई मौत
यहां तक की स्ट्रेचर भी नहीं मिल सक। मृतक मानगो निवासी हैं।

जमशेदपुर, जासं। coronavirus Jamshedpur News Update जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार की रात डॉ. धर्मनाथ सिंह की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इलाज के अभाव में उनकी जान चली गई।

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सांस लेने में परेशानी होने पर उन्हें एमजीएम अस्पताल लेकर आया गया लेकिन यहां न तो समय पर बेड मिल सका और न ही ऑक्सीजन। जिसके कारण उनकी मौत हो गई। लगभग दो घंटे के बाद उन्हें किसी तरह बेड उपलब्ध हो सका, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों को बताया गया कि मरीज पूर्व सिविल सर्जन के पद से रिटायर्ड हुए हैं, इसके बावजूद भी कोई मदद नहीं मिली। यहां तक की स्ट्रेचर भी नहीं मिल सक। मृतक मानगो निवासी हैं।

अस्पताल का चक्कर लगाते एक कोरोन मरीज की हो गइ थी मौत

दरअसल, कोरोना को लेकर जमशेदपुर के हालात भयावह हो चले है। बुधवार शाम को एक कोरोना मरीज की मौत अस्पतालों का चक्कर लगाते-लगाते हो गई थी। गोलमुरी की एक लड़की ने बताया कि उसके पिता कोविड पॉजिटिव थे। जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो वह उन्हें लेकर शाम को टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) ले गई। वहां जाते ही इमरजेंसी वार्ड में बताया गया कि यहां बेड खाली नहीं है। लाख मनुहार के बाद टीएमएच के कर्मचारियों ने बताया कि बताया कि आप इन्हें घाटशिला लेकर जाइए। वे लोग मरीज को एंबुलेंस से घाटशिला लेकर गए, लेकिन घाटशिला में भी बताया गया कि यहां बेड खाली नहीं है। आप इन्हें वापस लेकर जाइए। तब उस लड़की ने भाजपा नेता विकास सिंह से संपर्क किया। विकास सिंह के साथ अपने मरीज को तामोलिया स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल लेकर पहुंची। ब्रह्मानंद पहुंचने के बाद पता चला कि वहां भी बेड नहीं है। ब्रह्मानंद के बाद वे लोग मानगो में एनएच-33 (टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्च पथ) स्थित उमा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पहुंचे। वहां बाहर में ही 'नो बेड' का बोर्ड लगा था। थक हार कर वे लोग दोबारा टीएमएच लेकर पहुंचे, तो डॉक्टर ने बताया कि आपके पिता अब नहीं रहे। करीब छह घंटे तक बेड के चक्कर में एंबुलेंस में तड़प-तड़प कर मेरे पिता मर गए।


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