Move to Jagran APP

Jharkhand Health Line: घिरे मंत्री के प्रतिनिधि, पढिए स्वास्थ्य महकमे की अंदरूनी खबर

Jamshedpur Health Line अव्यवस्था को लेकर आए दिन सुर्खियां बटोरने वाले महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब एक नया मामला तूल पकड़ रहा है। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से जुड़ा हुआ है। पढिए स्वास्थ्य महकमे की अंदरूनी खबर।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 06:16 PM (IST)
Jharkhand Health Line: घिरे मंत्री के प्रतिनिधि, पढिए स्वास्थ्य महकमे की अंदरूनी खबर
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री व जमशेदपुर के विधायक स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता। फाइल फोटो

जमशेदपुर, अमित तिवारी। अव्यवस्था को लेकर आए दिन सुर्खियां बटोरने वाले महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब एक नया मामला तूल पकड़ रहा है। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से जुड़ा हुआ है। दरअसल, अधीक्षक के सामने एक चैंबर में स्वास्थ्य मंत्री के प्रतिनिधि बैठते हैं। अब जो भी अधीक्षक, उपाधीक्षक से मिलने आते हैं तो उनपर नजर चली ही जाती है।

loksabha election banner

ऐसे में सवाल उठने लगा है कि मेडिकल कॉलेज में किसी प्रतिनिधि को चैंबर भला कैसे मिल सकता है। मंगलवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने भी इसे लेकर सवाल किया है। उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ साल से इंतजार कर रहा था कि विभागीय मंत्री एमजीएम अस्पताल की स्थिति सुधारने वाला ठोस पहल करेंगे। पर उन्होंने सुधार के नाम पर अस्पताल में अपना एक स्थायी प्रतिनिधि भर तैनात कर छोड़ दिया, जो नियमानुकुल नहीं है। क्या ऐसा झारखंड के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में भी होता है।

क्या बदलेगी व्यवस्था

क्या सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बदलेगी या इसी तरह चलती रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार के जमशेदपुर आने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है। कोरोना ने तो काफी कुछ सिखा दिया, लेकिन क्या इससे हमारा सिस्टम बदलेगा। यह बड़ा सवाल बना हुआ है। एमजीएम अस्पताल में जहां एक वेंटिलेटर था वहीं अब 35 वेंटिलेटर पीएम फंड से आया है लेकिन अब इसे संचालित करने के लिए पर्याप्त डॉक्टर, कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर जल्द ही मैनपावर की व्यवस्था नहीं की गई तो इसे कबाड़ बनने में देर नहीं लगेगी। जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में नए-नए भवन जर्जर हो रहे हैं उसी तरह कोरोना काल में खरीदे गए उपकरण में भी जंग लग सकते हैं। बीते डेढ़ साल में स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली करने की बजाए लगभग 700 कर्मियों को बैठा दिया गया है। इससे भी विभाग की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

फूट डालो-राज करो

अंग्रेजों की फूट डालो-राज करो की नीति से आज भी हम बाहर नहीं निकल पाए हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग में एक डॉक्टर साहब को इसमें महारत हासिल है। उनकी तैनाती वैसे तो सदर अस्पताल में है, लेकिन वह ड्यूटी में कम और अधिकारियों के कार्यालय में ज्यादा दिखते हैं। उनका मुख्य काम अधिकारियों का कान भरना और उनके बीच के संबंधों को कमजोर करना है। जैसा कि अभी देखा जा रहा है। ऐसे में इन डॉक्टर साहब से बच कर रहना ही बेहतर है। क्योंकि फूट डालो-राज करो की नीति में ये अभी तक सफल रहे हैं। इनके चक्कर में फंसेंगे तो संबंध शत प्रतिशत बिगड़ना तय है। चाहे दोस्ती या संबंध कितना भी गहरा क्यों न हो। डॉक्टर साहब के रवैये से सिविल सर्जन व जिला सर्विलांस विभाग के कर्मचारी चिंतित हैं। जिला सर्विलांस विभाग के कई कर्मचारियों को इधर से उधर कर दिया गया है, जिसका असर कोरोना नियंत्रण अभियान पर पड़ सकता है।

वैक्सीन का स्लॉट

कोई पंद्रह तो कोई दस दिन से वैक्सीन लेने के लिए मशक्कत कर रहा है, इसके बावजूद उन्हें नहीं मिल रहा है। इसका मुख्य कारण ऑनलाइन बुकिंग बन रहा है। दरअसल, शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर ही वैक्सीन दी जा रही है। इसके लिए रात में कुछ देर के लिए स्लॉट खोला जाता है, जिसके बाद लोग बुकिंग करते हैं लेकिन यह सबके बस की बात नहीं है। पलभर में ही स्लॉट भर जा रहा है, जिसके कारण लोग चाह कर भी वैक्सीन नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में अब शहरी लोग ग्रामीण व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बुकिंग करने का झमेला नहीं है। आधार कार्ड लेकर जाइए और वैक्सीन लीजिए। वही नियम शहर में भी लागू करने की मांग की जा रही है। अब देखना है कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.