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बैकफुट पर टाटा ब्लूस्कोप कंपनी प्रबंधन, पूर्व की तरह ड्यूटी करेंगे यूनियन पदाधिकारी

Tata bluescope Jamshedpur. टाटा ब्लूस्कोप में प्रबंधन-यूनियन का विवाद समाप्त होता नजर आ रहा है। कंपनी प्रबंधन ने अब पूर्व की तरह यूनियन पदाधिकारियों को जनरल शिफ्ट में ड्यूटी करने का फरमान जारी कर दिया है। दो दिन पूर्व यूनियन नेताओं को आदेश मिला था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:25 PM (IST)
बैकफुट पर टाटा ब्लूस्कोप कंपनी प्रबंधन, पूर्व की तरह ड्यूटी करेंगे यूनियन पदाधिकारी
इस्तीफे की पेशकश के बाद प्रबंधन बैकफुट पर आ गया।

जमशेदपुर, जासं। टाटा ब्लूस्कोप में प्रबंधन-यूनियन का विवाद समाप्त होता नजर आ रहा है। कंपनी प्रबंधन ने अब पूर्व की तरह यूनियन पदाधिकारियों को जनरल शिफ्ट में ड्यूटी करने का फरमान जारी कर दिया है। दो दिन पूर्व यूनियन नेताओं को शिफ्ट में ड्यूटी करने का आदेश मिला था। लेकिन यूनियन के कमेटी मेंबरों के इस्तीफे की पेशकश के बाद प्रबंधन बैकफुट पर आ गया।

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टाटा ब्लूस्कोप के महामंत्री और डिप्टी प्रेसिडेंट को शिफ्ट ड्यूटी बुलाने मामले में सोमवार को कंपनी प्रबंधन ने यू टर्न ले लिया है। यूनियन के महामंत्री संजय सिंह और वाइस प्रेसिडेंट हुसैन कादरी अब जनरल शिफ्ट ड्यूटी पूर्व की तरह करेंगे। शनिवार को प्रबंधन ने यूनियन के महामंत्री संजय सिंह और वाइस प्रेसिडेंट हुसैन कादरी को सोमवार से जनरल शिफ्ट ड्यूटी पर रोक लगाते हुए शिफ्ट ड्यूटी पर आने का आदेश जारी किया था। आदेश के तहत सोमवार को इन नेताओं ने ए शिफ्ट में ड्यूटी किया,लेकिन शाम होते ही प्रबंधन ने दो दिन पूर्व लिये गये निर्णय को बदलने का आदेश जारी कर दिया।

एकजुटता बनी झुकने की वजह

चर्चा है कि प्रबंधन की ओर से इन नेताओं को पहले मौखिक आदेश दिया गया कि वे जनरल शिफ्ट ड्यूटी पर आए लेकिन इन नेताओं ने मौखिक आदेश को मानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद शाम में प्रबंधन ने ड्यूटी में बदलाव का आदेश जारी कर दिया। इधर, चर्चा है कि कंपनी के वरीय अधिकारियों ने सोमवार को इन दोनों नेताओं के डिपार्ट का भी निरीक्षण किया। प्रबंधन के फैसले के खिलाफ यूनियन के व्हाट शॉप ग्रुप पर कमेटी मेंबर  और अधिकारी इस्तीफा देने तक की पेशकश करने लगे थे। शनिवार को यूनियन की कमेटी मीटिंग में यह मामला छाया रहा। महामंत्री और डिप्टी प्रेसिडेंट के पक्ष में यूनियन के एकजुट होने आखिरकार प्रबंधन को अपना निर्णय बदलना पड़ा। इधर अब तक कर्मचारियों को घड़ी और 1900 रुपये कूपन देने का मामले का समाधान नहीं हो सका है।


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