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पीएम मोदी ने जमशेदजी टाटा को किया याद

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में जमशेदजी टाटा को सही मायने में दूरदृष्टा बताया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 07:00 AM (IST)
पीएम मोदी ने जमशेदजी टाटा को किया याद
पीएम मोदी ने जमशेदजी टाटा को किया याद

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में जमशेदजी टाटा को सही मायने में दूरदृष्टा बताया। उन्होंने बताया कि जमशेदजी टाटा ने देश में न सिर्फ स्टील कंपनी का भविष्य देखा बल्कि उसकी मजबूत नींव भी रखी। और स्वामी विवेकानंद की एक बार मुलाकात इंग्लैंड जाने के क्रम में हुई। वे अच्छी तरह जानते थे कि भारत देश के लिए स्टील उद्योग, साइंस और टेक्नोलॉजी भविष्य की जरूरत है। स्वामी विवेकानंद के आग्रह पर टाटा घराने की ओर से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्थापना की गई थी।

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प्रधानमंत्री का ये संबोधन भले ही आज आया हो, लेकिन 111 वर्ष पुरानी कंपनी टाटा स्टील वर्तमान में जमशेदजी के विजन को लगातार आगे बढ़ा रहा है। इस पर क्या कहते हैं शहरवासी ::::::::::::

जमशेदजी टाटा की दूरदृष्टि का ही नतीजा है कि 111 वर्ष पूर्व उन्होंने विदेश से आकर जंगल में स्टील प्लांट लगाया। आज यह विशाल रूप लेकर देश-विदेश में व्यापार कर रही है। इस कंपनी के कारण जमशेदपुर शहरवासियों को व‌र्ल्ड क्लास स्तर का बिजली, पानी, सड़क सहित मूलभूत सुविधाएं मिल रही है।

-आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टीडब्ल्यूयू

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देश में कई स्टील कंपनियां आई लेकिन कम ही कंपनी सौ वर्षो तक चल पाई होगी। ये जमशेद जी टाटा घराने की सोच, उनके विजन का नतीजा है। इनकी सोच की गहराई का ही नतीजा है कि हम कमाएंगे और मुनाफे का पैसा समाज को वापस लौटाएंगें जिससे देश की तरक्की हो। देश की अन्य कंपनियों को टाटा की संस्कृति को आत्मसात करना चाहिए।

-राकेश्वर पांडेय, अध्यक्ष, टिनप्लेट वर्कर्स यूनियन

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टाटा साहब का विजन था कि सिंहभूम क्षेत्र, जहां आयरन ओर, कोयला, चूना के पहाड़ हैं। दो नदियों का संगम है, यहां स्टील प्लांट लगे। उनकी सोच थी कि स्टील प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए घर, अस्पताल, चौड़ी सड़क, धर्मस्थल, सड़क के किनारे पेड़, खेलने के लिए मैदान हो। उनकी उस सोच को आज भी शहर में जीवंत है।

-रघुनाथ पांडेय, अध्यक्ष, जुस्को श्रमिक यूनियन

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देश में औद्योगिक क्रांति के जनक थे टाटा साहब। इनके निर्णय ने देश की अर्थव्यवस्था को बदला ही। सौ वर्ष पूर्व भारत को स्टील के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनाया। इनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज टाटा समूह देश-विदेश में लगातार बढ़ता जा रहा है। उनकी एक सोच ने करोड़ों लोगों को रोजगार मुहिया कराया।

-वीडी गोपाल कृष्णा, महामंत्री, जुस्को यूनियन

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जमशेदजी टाटा सहीं मायने में दूरदृष्टा थे। इसके कारण सिर्फ टाटा स्टील ही नहीं बल्कि जमशेदपुर शहर भी अस्तित्व में आया। देश-विदेश में करोड़ों लोगों को नौकरी मिली। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की। ये हमारे लिए भगवान के समान है।

-अशोक कुमार, जुस्को कर्मचारी

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टाटा साहब के विजन के कारण टाटा स्टील की स्थापना हुई, जमशेदपुर शहर बसा। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हमारे जैसे लाखों लोगों का घर-परिवार चल रहा है। ऐसे दूरदृष्टा को हमारा सलाम है जिन्होंने कंपनी के अलावे समाज के विकास पर भी सोचा।

-संतोष सेनापति, शहरवासी

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टाटा साहब यदि यहां स्टील कंपनी की स्थापना के बारे में नहीं सोचते तो शायद न तो ये जमशेदपुर शहर रहता और न ही लोगों को रोजगार मिलता। वे भले ही कभी यहां नहीं आए हो लेकिन उनके एक सपने ने दुनिया को टाटा समूह जैसी फॉरच्यून कंपनी दी।

-हेमंत कुमार, अधिवक्ता

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टाटा साहब हम जैसे लाखों कर्मचारियों के लिए भगवान के समान है। उनके एक विजन से कंपनी बनी। आज हर युवा का सपना है कि वे टाटा समूह की कंपनी में नौकरी करे। क्योंकि टाटा समूह की कंपनी में जो नैतिकता है वह देश की किसी कंपनी में नहीं है।

-राकेश सिंह, बागबेड़ा निवासी


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