आसान नहीं होगा सीनेट में उठाए गए मुद्दों को टालना, दस दिन में निपटेंगी संचिकाएं Jamshedpur News
कोल्हान विश्वविद़यालय में हुई सीनेट की बैठक की कार्रवाई रिपोर्ट सदस्यों की ओर से सीधे राजभवन को सौंपी जाएगी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा में शुक्रवार को हुई चौथी सीनेट की बैठक में उठाए गए मुद्दों को टालना इस बार आसान नहीं होगा। इस बैठक की कार्रवाई राजभवन को सीधे सीनेट सदस्य सौंपेंगे। इस दौरान सिंडिकेट सह सीनेट सदस्य मनोज कुमार सिंह के साथ शिक्षक डॉ. डीएन महतो व प्रोफेसर लोकनाथ द्वारा किए गए बर्ताव की जानकारी भी खुद मनोज राजभवन तक पहुंचाएंगे।
कई सीनेट सदस्यों ने विश्वविद्यालय पर जानबूझकर विश्वविद्यालय के स्तर से निष्पादित होने वाली संचिकाओं को सात-आठ माह तक रोके जाने का मामला भी उठाया था। इस पर रजिस्ट्रार डॉ. एसएन सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय के स्तर से निष्पादित होने वाले सभी मामलों का निष्पादन दस दिनों के अंदर होगा। मालूम हो अनुबंध पर कार्य करने वाले शिक्षकों के वेतन, सामान्य टेंडर, किताबों की खरीद, कॉलेज स्तर से होने वाले आय-व्यय, शिक्षकों के प्रमोशन की संचिकाओं का निष्पादन होने में काफी समय लग जाता है, इस कारण कार्य प्रभावित होता है। विश्वविद्यालय के निर्देशन के अभाव में कॉलेज अपने स्तर से कुछ नहीं कर सकते है।
अब कम से कम 15 दिन के अंदर इन संचिकाओं के निष्पादन से कॉलेजों को राहत मिलेगी। सरकार के स्तर से होने वारी संचिकाओं के निष्पादन पर विश्वविद्यालय इतने ही समय में अपनी अनुशंसा के साथ सरकार को भेज देगी। टाइम बांड पर कार्य करने का मामला सीनेट सदस्य मनोज कुमार सिंह ने उठाया था।
गणित पीएचडी को हुआ वाइवा
एबीएम कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. मुदिता चंद्रा द्वारा शोध कार्य में हो रहे विलंब का मुद्दा उठाने के आठ माह बाद चाईबासा महिला कॉलेज से सेवानिवृत्त शिक्षक एबी वर्मा का गणित में पीएचडी को वाइवा शनिवार को हुआ। इसमें गणित विशेषज्ञ के रूप में पुरुलिया से डॉ. गणेश चंद्र गेाराई उपस्थित थे। प्रोफेसर एबी वर्मा ने अपना शोध गणित शिक्षिका डॉ. सबिता मिश्रा के निर्देशन कर रहे हैं। उन्होंने सम एडवांस कंप्यूटेशनल एप्रोच टू मल्टी लेवल लिनियर एंड नन लिनियर प्रोग्रामिंग प्रॉब्लमस पर अपना थीसिस सब्मिट किया था। सीनेट के बाद शनिवार को उनका वाइवा हुआ। इस मौके पर डीन साइंस के रूप में डॉ. रवींद्र सिंह मौजूद थे।