कोरोना की तीसरी लहर को रोकना हमारे हाथ में, जानिए क्या करना होगा हमे
Coronavirus Third Wave. कोरोना का तीसरा वेव कितना असरदार होगा यह हमारे व्यवहार पर निर्भर करता है। तीसरे वेव में भी बच्चों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होने की बात कही जा रही है क्योंकि तब तक सभी व्यस्क वैक्सीन ले चुके होंगे।
जमशेदपुर, जासं। टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में फर्स्ट व सेकेंड वेव में लगभग 22 हजार कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हुए इनमें से मात्र 110 बच्चे कोविड 19 से संक्रमित पाए गए थे। जबकि एक बच्चे की मौत हुई जो पहले से किडनी से संबधित बीमारी से ग्रस्त था।
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी ने शुक्रवार शाम टेली कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 22 हजार संक्रमित मरीजों में 110 मरीजों का आंकड़ा बेहद कम है। पहले वेव में एक से छह वर्ष के 66 जबकि सात से 12 वर्ष के 44 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे। उन्होंने बताया कि तीसरे वेव में भी बच्चों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होने की बात कही जा रही है क्योंकि तब तक सभी व्यस्क वैक्सीन ले चुके होंगे। मेरी सभी अभिभावकों से अपील है कि अपने बच्चों को ट्रेन या बस में यात्रा नहीं कराएं। उन्हें भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न लेकर जाएं। बच्चों को उनका अपना जीवन जीने दें। उन पर किसी तरह का दबाव न बनाएं। साथ ही घर पर जो भी व्यस्क हैं वे पहले खुद वैक्सीन लें। इससे बच्चे भी संक्रमित नहीं होंगे।
शहर में तेजी से घट रहा है संक्रमण, पॉजिटिविटी रेट भी कम
डा. चौधरी ने बताया कि शहर में तेजी से सेकेंड वेव का संक्रमण घट रहा है। 25 मई को शहर की पॉजिटिविटी रेट 17.13 प्रतिशत थी जो 30 मई को घटकर 9.17 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। चार दिनों में इसमें और कमी होगी, ऐसी हमें उम्मीद है। इसके अलावा टीएमएच की पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 83.22 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। जबकि एक सप्ताह में मात्र 47 संक्रमित मरीज ही भर्ती हुए और आठ की जान गई है।
टीएमएच में अब तक 1076 मरीजों की हुई मौत
स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया कि टीएमएच में अब तक 1076 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। पहले वेव में लगभग 462 मरीजों की जबकि सेकेंड वेव में अब तक 614 मरीजों की मौत हुई। इनमें से मरने वाले अधिकतर मरीज किडनी, कैंसर सहित दूसरी बीमारियों से ग्रसित थे।
गर्भवती महिलाएं खुद को संक्रमित होने से बचाएं
डा. चौधरी ने कहा कि यह शोध का विषय है कि गर्भवती महिलाएं यदि संक्रमित होती हैं तो उसका असर उसके बच्चे पर पड़ता है या नहीं। टीएमएच में अब तक दो संक्रमित गर्भवती महिलाएं आई थी जिनके बच्चे भी पॉजिटिव थे लेकिन वे जल्द ठीक हुए। इसलिए हमारी अपील है कि गर्भवती महिलाएं खुद को सुरक्षित रखे, मास्क लगाएं और भीड-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचे।
जल्द शुरू होंगे ओपीडी, टीएमएच क्लिनिक शुरू
डा. चौधरी ने बताया कि टीएमएच में संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। इसे देखते हुए सोनारी, सिदगोड़ा व साउथ पार्क बिष्टुपुर में टीएमएच क्लिनिक में एक-एक डाक्टर के साथ संचालित किया जा रहा है जबकि साकची, कदमा व बिष्टुपुर पहले से ही संचालित हैं। वे जल्द ही टीएमएच में ओपीडी सेवा को सामान्य करने पर विचार कर रहे हैं।
तीसरा वेव कितना होगा असरदार, हमारे व्यवहार पर निर्भर
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने कहा कि शहर में तीसरा वेव कितना असरदार होगा यह हमारे व्यवहार पर निर्भर करता है। इससे बचना है तो हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम नियमित रूप से मास्क पहने, शारीरिक दूरी का पालन करें, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नहीं जाएं व बार-बार हाथ धोने को अपनी आदत में शामिल करें।
ब्लैक फंगस से छह मरीजों की हुई मौत
डा. राजन चौधरी ने बताया कि ब्लैक फंगस से अब तक छह मरीजों की मौत हो चुकी है। अब तक टीएमएच में 12 मरीज भर्ती हुए जबकि तीन मरीजों ने दूसरे अस्पताल में रेफर करा लिया। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है।
तीसरे वेव की तैयारी को लेकर आई थी जांच कमेटी
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया कि झारखंड सरकार राज्य में छह बड़े निजी अस्पतालों में कितने मरीजों की मौत हुई। मौत की वजह क्या थी। मरने वाले मरीजों की उम्र कितनी थी और वे किस स्थिति में आए थे। इन सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। शनिवार को भी टीम के सदस्य आएंगे। जांच कमेटी चाहती है कि तीसरे वेव आने से पहले बेहतर तैयारी की जाए ताकि मौत के आंकड़ों को कम किया जा सके।