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ISRO: झोपड़ी से इसरो का सफर, सब्जी बेचने वाले की बेटी ने तय किया यह मुकाम

Indian Space Research Organisation. हाट बाजार में सब्जी बेचने वाले की बेटी मांतू पाणि का इसरो के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम के लिए चयन हुआ है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 12:12 PM (IST)
ISRO: झोपड़ी से इसरो का सफर, सब्जी बेचने वाले की बेटी ने तय किया यह मुकाम
ISRO: झोपड़ी से इसरो का सफर, सब्जी बेचने वाले की बेटी ने तय किया यह मुकाम

जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के संपर्क में आना या फिर इसके किसी कार्यक्रम में भाग लेना आज के युवाओं का सपना है। यह सपना अगर किसी का पूरा हो जाए तो वाकई गर्व की बात है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के किसी छात्र या छात्रा को यह मौका मिले तो और भी गर्व की बात है। पूर्वी सिंहभूम जिला के धालभूमगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्र मांतू पाणि को यह गौरव प्राप्त हुआ है।

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मांतू पाणि कक्षा दसवीं की छात्र है और इसके पिता नागेंद्र पाणि आसपास के हाट बाजार में सब्जी बेचते हैं। सब्जी बेचने वाली की बेटी का इसरो के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम में चयन हुआ है। जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने कहा कि राज्यभर से तीन छात्रों का चयन का इस प्रोग्राम के लिए हुआ है। इसमें धालभूमगढ़ कस्तूरबा गांधी की छात्र भी शामिल है। छात्र मांतू के चयन से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में शिक्षा के प्रति सोच बढ़ेगी।

दो सप्ताह चलेगा प्रशिक्षण

हाट में सब्जी बेचते मांतू पाणि के पिता।

इसी वर्ष प्रारंभ किए गए यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम के प्रशिक्षण दो हफ्तों का होगा और इसे बच्चों की गर्मियों की छुट्टियों में आयोजित किया जाएगा। इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य स्पेस टेक्नोलॉजी, स्पेस साइंस और स्पेस ऐप्लिकेशंस में बच्चों की बेसिक नॉलेज में इजाफा करना है। खासकर ग्रामीण छात्रों को लिए यह प्रोग्राम चलाया जाता है। इस प्रोग्राम में बच्चों का चयन उनके शैक्षणिक प्रदर्शन और गैर-शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

कार्यक्रम के लिए ऐसे हुआ चयन

इस कार्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन तीन अप्रैल तक जमा किए गए थे। प्रत्येक प्रखंड से तीन-तीन छात्रों के नाम राज्य स्तरीय कमेटी को भेजा गया। इसमें छात्रों की एक्सट्रा एक्टिविटी आदि को देखा गया। वैज्ञानिक सोच को भी परखा गया। राज्य स्तर पर बच्चों के नाम की छंटनी कर सूची इसरो को भेजी। उस आधार पर झारखंड से तीन बच्चों का चयन हुआ।

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झोपड़ी से इसरो तक पहुंची, मिल रही बधाई

घर के सामने खड़े परिवार के सदस्य।

इसरो द्वारा चयनित छात्र मांतू के पिता नागेंद्र पाणि व माता दीपाली पाणि धालभूमगढ़ प्रखंड के माणिकाबेडा गांव में फूस की झोपड़ी में रहते हैं। छात्र मांतू कराटे में ब्लैक बेल्टधारी है। उसके चयन से घर वालों के साथ ही गांव के लोग भी खुश हैं। धालभूमगढ़ कस्तूरबा की अन्य छात्रओं में तो खुशी की लहर दौड़ गई है। उसे इस चयन को लेकर हर तरफ से बधाई मिल रही है।

यह है मांतू की उपलब्धि

  • जिला स्तरीय कस्तूरबा समागम 2016 में गणित में द्वितीय स्थान
  • जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी 2017 व 2018 में भाग लिया
  • वर्ष 2017 में आयोजित राज्य स्तरीय कला उत्सव में मूर्ति कला में तृतीय स्थान
  • बैंड प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
  • ओलंपियाड 2015 में जिला स्तर पर प्रथम स्थान मिला
  • भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ

गर्व से सीना चौड़ा

मुझे बहुत खुशी हुई है। दैनिक जागरण के माध्यम से मुङो यह जानकारी मिली। मुङो भी अंतरिक्ष में जानने का मौका मिलेगा।

-मांतू पाणि, छात्र, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय धालभूमगढ़

यह विद्यालय ही नहीं कोल्हान के लिए गर्व की बात है। कस्तूरबा की छात्रओं तथा अन्य सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियों को इससे प्रोत्साहन मिलेगा। दसवीं की छात्र मांतू पाणि कक्षा के चयन से विद्यालय की छात्रएं खुश है।

-मुकुल पाल, वार्डेन, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, धालभूमगढ़।


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