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अंतरराष्‍ट्रीय गोल्‍फर जीव मिल्‍खा ने कहा, स्कॉटिश ओपेन जीतना जिंदगी का यादगार पल Jamshedpur News

जीव मिल्‍खा ने कहा कि गोल्फ खेल की शुरुआत स्कॉटलैंड से हुई थी और एक गोल्फर के लिए स्कॉटिश ओपन नेशनल जीतना बड़ी उपलब्धि नहीं तो क्या है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 01:11 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 01:11 PM (IST)
अंतरराष्‍ट्रीय गोल्‍फर जीव मिल्‍खा ने कहा, स्कॉटिश ओपेन जीतना जिंदगी का यादगार पल Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। चार-चार बार यूरोपियन टूर व जापान गोल्फ टूर जीतने वाले अंतरराष्ट्रीय गोल्फर मानते हैं कि उनके जीवन का सबसे यादगार पल स्कॉटिश ओपेन गोल्फ जीतना है। टाटा ओपेन गोल्फ में भाग लेने आए जीव मिल्खा सिंह पूर्व अंतरराष्ट्रीय धावक मिल्खा सिंह के पुत्र हैं।

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गोलमुरी गोल्फ कोर्स में जागरण से विशेष बातचीत के दौरान जीव मिल्खा ने बताया कि गोल्फ खेल का उदय स्कॉटलैंड से हुआ था और एक गोल्फर के लिए स्कॉटिश ओपन नेशनल जीतना बड़ी उपलब्धि नहीं तो क्या है। उन्होंने बताया कि भारत में नए गोल्फर तेजी से उभर रहे हैं।

नए गोल्फर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले गोल्फ खेलना आसान काम नहीं था। दरअसल, सुविधाएं कम थी और इस खेल के प्रति लोगों में उत्सुकता भी कम थी। लेकिन समय के बदलाव के साथ गोल्फ खेल की लोकप्रियता न केवल बढ़ी है बल्कि इंटरनेशनल टूर में आज भारतीय गोल्फर अमिट छाप छोड़ रहे हैं।

मशहूर एथलीट पिता मिल्खा सिंह का पुत्र होने के नाते जीव मिल्खा सिंह ने गोल्फ खेल को चुने जाने के विषय पर बताया कि वह करीब सात या आठ साल की उम्र के थे तभी पिता के साथ गोल्फ कोर्स जाया करते थे। उस जमाने में यह कहा जाता था कि यह बूढ़े लोगों का खेल है और नए लोग इसमें नहीं आते। पिता के साथ गोल्फ कोर्स पर जाते समय मेरी उम्र के भी कई गोल्फरों को देखा और मेरे मन में भी गोल्फ खेल के प्रति इच्छा जगी। इसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। छोटी उम्र से ही गोल्फ प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू कर दिया, उस समय हाथ में क्लब पकड़ना भी बड़ी बात थी।

जीव मिल्खा ने बताया कि आजकल गोल्फ खेल में टेक्निक बढ़ी है और गोल्फ खेलने के लिए अलग-अलग प्रकार के क्लब आने लगे हैं। अब गोल्फ और आधुनिक हो गया है। यह बहुत अच्छी बात है। सिंगापुर ओपन शहीद करी यूरोपीय टूर जीत चुके जीव मिल्खा ने बताया कि बाद में चलकर गोल्फ को ही अपना लिया। योग और मेडिटेशन से खेल में एकाग्रता मिलती है। जीव मिल्खा ने बताया कि अपने को लंबे समय तक खेल में कायम रखने के लिए फिटनेस के अलावा मेडिटेशन का होना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि मेंटल ट्रेनिंग खिलाड़ियों के लिए बहुत जरूरी है। खिलाड़ियों को सबसे पहले मानसिक रूप से मजबूती लानी पड़ेगी तभी वह मुकाबले में बेहतर खेलने में सक्षम हो सकेंगे। जीव मिल्खा ने गोलमुरी गोल्फ कोर्स को बेहतरीन बताते हुए कहा कि यह उम्दा कोर्स है और ऐसे कोर्स पर खेलने का मजा ही कुछ और है। जमशेदपुर में गोल्फ खेल को लेकर लोगों में उत्सुकता को देखते हुए प्रशंसा की और कहा कि मौका मिला तो फिर खेलने के लिए यहां आऊंगा।


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