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Haunted Railways Station: भारत का भूतिया स्टेशन जहां 42 साल से नहीं रुकी एक भी ट्रेन, सच सामने आया तो हैरान रह गए लाेग

दक्षिण -पूर्व रेलवे के पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित है बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन। यह स्टेशन 10 भूतिया स्टेशनों में शुमार है और वर्ष 1967 के बाद यहां एक भी ट्रेन नहीं रुकी। कहा जाता है कि इस स्टेशन पर जिसने भी ड्यूटी की उसकी मौत हो गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 01:29 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 03:05 PM (IST)
Haunted Railways Station: भारत का भूतिया स्टेशन जहां 42 साल से नहीं रुकी एक भी ट्रेन, सच सामने आया तो हैरान रह गए लाेग
सामने आया सच तो हैरान रह गए लोग।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अक्सर हमने भूत-प्रेत के बारे में सुना है। कुछ इसे अंधविश्वास मानते हैं तो कुछ का मानना है कि यह भी एक शक्ति है जो हमारे आसपास रहती है। हर व्यक्ति अपनी समझ से इसे परिभाषित करता है। लेकिन आज हम एक ऐसे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भूत के कारण पिछले 42 सालों से एक भी ट्रेन नहीं रुकी। जी हां.. ये सच्चाई है। आइए जानते हैं इस स्टेशन के बारे में।

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दक्षिण- पूर्व रेलवे के पुरुलिया में पड़ता है यह स्टेशन

दक्षिण -पूर्व रेलवे के पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित है बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन। यह स्टेशन भारत रेल के 10 भूतिया स्टेशनों में शुमार है और वर्ष 1967 के बाद यहां एक भी ट्रेन नहीं रुकी। कहा जाता है कि इस स्टेशन पर जिसने भी ड्यूटी की उसकी मौत हो गई।

स्टेशन मास्टर ने देखा था भूत

वर्ष 1967 में कथित तौर पर बेगुनकोडोर स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर ने रेलवे ट्रैक पर सफेद रंग की साड़ी पहने एक औरत को देखा था जो अंधेरे में ट्रैक पर ही चल रही थी। इस घटना के बाद उनकी मौत हो गई। इसके बाद कई बार लोगों ने इस स्टेशन पर भूत देखा। जिसके बाद कोई भी उक्त स्टेशन पर ड्यूटी नहीं करना चाहता था। जिसके बाद रेलवे ने उक्त स्टेशन को बंद कर दिया। इसके बाद यहां से ट्रेन गुजरती जरूर थी लेकिन 42 वर्षों में कभी रुकी नहीं।

ममता बनर्जी ने खुलवाया था फिर से स्टेशन

पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब वर्ष 2009 में रेल मंत्री बनी तो उन्होंने इस स्टेशन फिर से इस स्टेशन को खोलने का निर्देश दिया। लेकिन शाम पांच बजने के बाद कोई भी यात्री या रेल कर्मचारी इस स्टेशन पर रुकता नहीं था। भूत के डर से सभी यहां से भाग जाते थे।

सामने आया सच तो हैरान रह गए लोग

पश्चिम बंग विज्ञान मंच की नौ सदस्यीय टीम ने वर्ष 2017 में इस स्टेशन पर स्थानीय पुलिस के साथ एक रात रुकने का निर्णय लिया। इस दौरान उन्होंने अपने साथ टॉर्च, कैमरे, कंपास सहित अन्य उपकरण साथ रखे हुए थे ताकि भूत की गतिविधियों को रिकार्ड किया जा सके। लेकिन उन्हें किसी तरह की पैरानॉर्मल हलचल दर्ज नहीं हुई। लेकिन रात दो बजे अचानक अजीबो-गरीब आवाजें झाड़ियों के पीछे से सुनाई दी। जब उन्होंने रोशनी कर छानबीन कर देखा तो कुछ लोग झाड़ियों के पीछे से डरावनी आवाज निकाल रहे थे। पुलिस की टीम ने उन लोगों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। बाद में यही अंदाजा लगाया गया कि लंबे समय से यहां के कुछ अपराधी लोगों को डरा कर लूटपाट कर रहे हैं। इसके बाद से स्थानीय पुलिस पूरे इलाके में तैनात है और लोगों को जागरूक कर रही है।


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