झारखंड के दलमा में लगा देश का पहला फेनोकैम सेंसर ने डाटा भेजना किया शुरू
दलमा में लगाए गए सेंसर ने डाटा भेजना शुरू कर दिया है। इसमें पहली बार दलमा का वातावरण जिसमें सूरज की रोशनी कब कितना मिल रहा है मॉइस्चर क्या है हिम्यूनिटी हवा का तापमान आदि का डाटा भेजना शुरू कर दिया है।
मनोज सिंह, जमशेदपुर : जलवायु में हो रहे परिवर्तन व उससे होने वाले दुष्प्रभाव का अध्ययन करने के लिए देश का पहला फेनोकैम सेंसर सिस्टम दलमा में लगाया जा रहा है। फेनोकैम सेंसर के माध्यम से जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिकों की टीम तीन साल तक अध्ययन करेगी। देश का पहला फेनोकमे सेंसर दलमा वाइल्ड सेंचुरी में लगाया गया है। यह डाटा भेजना शुरू कर दिया है।
इस संबंध में पूछने पर बीआईटी मेसरा के वैज्ञानिक डा. सी जगन्नाथन ने बताया कि दलमा में लगाए गए सेंसर ने डाटा भेजना शुरू कर दिया है। इसमें पहली बार दलमा का वातावरण जिसमें सूरज की रोशनी कब कितना मिल रहा है, मॉइस्चर क्या है, हिम्यूनिटी, हवा का तापमान आदि का डाटा भेजना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें फारेस्ट विभाग का सराहनीय सहयोग रहा, जिसके कारण हमने देश का पहला फेनोकेम सेंसर को स्थापित कर चालू करने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने बताया कि हमने अन्य राज्यों के लिए रास्ता दिखा दिया है, ताकि वहां भी जल्द से जल्द सेंसर स्थापित हों। मॉनेटरिंग करने वाले इसरो, बीआईटी मेसरा व फॉरेस्ट की टीम निलेश देसाई डायरेक्टर इसरो अहमदाबाद, प्रो. इंद्रनील मन्ना, वाइस चांसलर बीआईटी मेसरा, राजीव रंजन, पीसीसीएफ झारखंड, सीसीएफ विश्वनाथ साह, डा. सीपी सिंह, प्रोजेक्ट कोआर्डीनेटर इसरो अहमदाबाद, डा. सी जगन्नाथन, बीआईटी मेसरा, डा. एपी कृष्णा, बीआईटी मेसरा, डा. मिली घोष, बीआईटी मेसरा, डीएफओ दलमा डा. अभिषेक कुमार, नीतिस कुमार सिन्हा व बीपेंद्र सिंह की टीम रख रहे नजर। देश के इन वनों में लगाए जा रहे फेनो केम सेंसर - दलमा वाbल्ड सेंचुरी झारखंड - ट्रोपिकल ड्राई डेसीडुअस फॉरेस्ट 700 मीटर
- गुलमर्ग कश्मीर - हिमालयन मॉइस्ट टेंपरेट फॉरेस्ट 2700 मीटर उंचा
- पालमपुर हिमाचल प्रदेश - सब ट्रोपिकल पाइन फॉरेस्ट 2100 मीटर
- बारकोट उत्तराखंड - ट्रोपिकल मॉइस्ट डेसिडूअस फॉरेस्ट 1400 मीटर
- तुंगनाथ उत्तराखंड - हिमालयन मॉइस्ट टेंपरेट फॉरेस्ट 3330 मीटर उंचा
- नैना हिमाचलप्रदेश - ट्रोपिकल मॉइस्ट डेसिडूअस फॉरेस्ट 2100 मीटर
- वाल्मिकी सेंचुरी बिहार - सब ट्रॉपिकल ब्रॉडलिव्स हील फारेस्ट 340 मीटर
- रमटेक सिक्किम - हिमालयन मॉइस्ट टेंपरेट फॉरेस्ट 1620 मीटर
- तवांग अरूणाचलप्रदेश - सब अल्पाइन एंड अल्पाइन फॉरेस्ट 3800 मीटर
- नमदफा अरुणाचल प्रदेश - माेंटेन वेट टेंपरेट फॉरेस्ट 1000 मीटर
- पालपुर कुनो मध्यप्रदेश - ट्रोपिकल ड्राई डेसीडुअस फॉरेस्ट 320 मीटर
- गीर गुजरात - ट्रोपिकल ड्राई डेसीडुअस फॉरेस्ट 300 मीटर
- बेतुल मध्यप्रदेश - ट्रोपिकल ड्राई डेसीडुअस फॉरेस्ट 503 मीटर
- सिंपलीपाॅल बीआर - ट्रोपिकल मोइस्ट डेसीडुअस फॉरेस्ट 800 मीटर
- सुंदरबन पश्चिम बंगाल - लीटलोरल एंड स्वेंप फॉरेस्ट 5 मीटर
- अंशी कनार्टक - ट्रोपिकल सेमी एवरग्रीन फॉरेस्ट 500 मीटर
- पालेम तेलंगाना - ट्रोपिकल ड्राई एवरग्रीन फॉरेस्ट 330 मीटर
- शोलायर केरल - ट्रोपिकल वेट एवरग्रीन फॉरेस्ट 700 मीटर
एक-एक पत्ते पर रहेगी बारीकी नजर : डा. जगन्नाथदलमा में होने वाले अध्ययन को इसरो अहमदाबाद की टीम मॉनेटरिंग कर रही है। इस टीम को सहयोग कर रही है बीआईटी मेसरा व दलमा वाइल्ड लाइफ के अधिकारी। इस संबंध में टीम के सदस्य व बीआईटी मेसरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सी जगन्नाथन से पूछने पर बताया कि फेनोकैम सेंसर से एक-एक पत्ते की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। क्योंकि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव एक-एक जीव जंतु, पेड़-पौधे पर पड़ रहा है।