Indian Railways, IRCTC: ट्रेन में अब चादर-कंबल ले जाने की झंझट खत्म, जल्द मिलने वाली है यह सुविधा
अब आपको यात्रा के दौरान भारी कंबल और चादर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल कोरोना की वजह से ट्रेनों में यह सुविधा मिलना बंद हो गई थी लेकिन अब फिर से शुरू किया जा रहा है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्थिति सामान्य होने पर भारतीय रेलवे कई अहम निर्णय ले रहा है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने को हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही एक अच्छी खबर मिलने वाली है। बढ़ती ठंड को देखते हुए भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं देने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में चादर-कंबल भी शामिल है।
अब आपको यात्रा के दौरान भारी कंबल और चादर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल, कोरोना की वजह से ट्रेनों में यह सुविधा मिलना बंद हो गई थी लेकिन अब फिर से शुरू किया जा रहा है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। पहले अपने-अपने घरों को ढोकर ले जाना पड़ता था। इससे यात्रियों को काफी परेशानी होती थी लेकिन अब, ऐसा नहीं होगा। उन्हें ट्रेन में ही यह सुविधा मिलेगी।
डिस्पोजेबल बेड रोल के लिए देना होगा 150 रुपये
ट्रेनों में डिस्पोजेबल बेड रोल के तहत कंबल-चादर मिलेगा। इसके लिए यात्रियों को 150 रुपये देने होंगे। इससे फायदा यह होगा कि यात्रियों को कंबल-चादर ले जाने से मुक्ति मिल जाएगा। ये सुविधा लंबी दूरी के यात्रियों को दी जा रही है। रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, फिलहाल ये सुविधा चुनिंदा गाड़ियों में ही मिलेगी। जैसे-मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, मुंबई-दिल्ली अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस, गोल्डन टेम्पल मेल और पश्चिम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में ये सुविधा मिलेगी।
कंबल के साथ टूथ पेस्ट और मास्क भी मिलेगा
- bed sheet white (20 gsm)
- blanket grey/blue
- inflatable air pillow white
- pillow cover white
- face towel/napkin white
- three ply face mask
यात्रियों को होगी सुविधा
भारतीय रेलवे की ओर से उठाए गए इस कदम से यात्रियों को बहुत राहत मिलने वाली है। इससे सफर में सुविधा तो मिलेगी ही यात्रियों की बहुत बड़ी टेंशन दूर हो जाएगी। अब यात्रियों को कंबल, चादर का बोझ उठाने की जरूरत नहीं होगी। कोरोना संक्रमण के बाद हुए लॉकडाउन के बाद से यात्रियों को सफर के दौरान बेडरोल की सुविधा नहीं मिल रही थी।