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India Budget 2021-22 : हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भारी निवेश बेहतर कदम, पहली बार वित्तीय घाटा धरातल पर दिखाया : प्रबाल सेन

India Budget 2021-22. सरकार ने इमरजेंसी हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश की घोषणा की है जिसके दूरगामी परिणाम दिखेंगे। पहली बार वित्तीय घाटा धरातल पर दिखाया गया है। इस बार सरकार ने 6.8 प्रतिशत वित्तीय घाटा दिखाया है जो वास्तविक आंकड़ा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 07:24 PM (IST)
India Budget 2021-22 : हेल्थ और  इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भारी निवेश बेहतर कदम, पहली बार वित्तीय घाटा धरातल पर दिखाया : प्रबाल सेन
प्रबाल सेन एक्‍सएलआरआइ के अर्थशास्‍त्र के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष हैं।

जमशेदपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार का आम बजट इस मायने में बेहतर है कि इसमें कोई आम जनता पर टैक्स का बोझ नहीं लादा गया है। वहीं सरकार ने इमरजेंसी हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश की घोषणा की है, जिसके दूरगामी परिणाम दिखेंगे। पहली बार वित्तीय घाटा धरातल पर दिखाया गया है। इस बार सरकार ने 6.8 प्रतिशत वित्तीय घाटा दिखाया है, जो वास्तविक आंकड़ा है।

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पिछले वर्ष बजट में 3.5 फीसद दिखाया गया था, लेकिन संशोधित बजट में वास्तविक घाटा 9.5 फीसद हुआ था। इससे भी अच्छी बात सरकार की यह रही कि इसने बजट में यह भी बताया है कि 6.8 फीसद के इस भारी-भरकम वित्तीय घाटे की भरपाई हम कैसे करेंगे। स्पष्ट है कि खर्च तो कम होने से रहा, इसलिए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की हिस्सेदारी बेचने और बीमा कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को 49 फीसद से 74 फीसद करने से सरकार को अतिरिक्त आमदनी होगी। सरकार एलआइसी समेत कुछ बैंकों के आइपीओ लाने की घोषणा की है, जिससे काफी आमदनी होने की उम्मीद है।

जुड़ेंगे नए आयाम

बहरहाल, सरकार ने इमरजेंसी हेल्थ के लिए 68,000 करोड़ रुपये निवेश करने की बात कही है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा है कि यह राशि छह वर्ष में खर्च होगी। मेरा मानना है कि छह वर्ष के लिए यह राशि बहुत कम है, इसे बढ़ाना चाहिए था। इसी तरह कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये बड़ी राशि दिखती है, लेकिन इसे भी बढ़ाना चाहिए था। ऐसा होने पर ही हम सभी नागरिक का टीकाकरण कर सकेंगे। सरकार ने निजी क्षेत्र के सहयोग से 100 सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम जोड़ेगा। 

इंफ्रास्ट्रक्चर व एनपीए के लिए एजेंसी का गठन सराहनीय

सरकार ने आधारभूत संरचना या इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश और ननपरफार्मिंग एसेट की निगरानी के लिए अलग एजेंसी बनाने की घोषणा की है, जो सराहनीय है। डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंशिंग और बैड बैंक या बैंकों के एनपीए की देखरेख के लिए अलग एजेंसी का गठन होना ही चाहिए था। फिलहाल अपने कारोबार को बढ़ाने या सुचारू बनाए रखने की वजह से एनपीए पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं। यही हाल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश का है। सरकार बजट दे देती है, लेकिन उसका अनुपालन किस रूप में हो रहा है, यह देखने के लिए कोई एक एजेंसी जिम्मेदार नहीं होती थी। इससे कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाते थे या समयबद्ध काम नहीं होने से राशि बढ़ती चली जाती थी। अब शायद ऐसा नहीं होगा। स्क्रैप पालिसी महानगरों में तो पहले से लागू थी, लेकिन अब इसे देश भर में लागू करना अच्छा कदम है। इससे ऑटोमोबाइल और स्टील सेक्टर समेत पूरे वाहन उद्योग को मजबूती मिलेगी ही, प्रदूषण का स्तर कम करने में भी यह सहायक होगा।

- प्रबाल सेन, सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र), एक्सएलआरआइ


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