Tata Motors में उत्पादन बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों का बढ़ने लगा वेतन
Tata Motors. कोविड-19 की शुरुआत के साथ ही टाटा मोटर्स के कर्मचारियों का वेतन कम होने लगा। जितने दिन कंपनी में उत्पादन नहीं हुआ उतने दिन कर्मचारियों को एमओपी (मेजर वर्कफोर्स ऑफ परफॉरमेंस) में नुकसान हुआ। अब स्थिति सुधरी है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा मोटर्स के कर्मचारी भी कोरोना के असर से वंचित नहीं थे। कोविड-19 की शुरुआत के साथ ही कर्मचारियों का वेतन कम होने लगा। जितने दिन कंपनी में उत्पादन नहीं हुआ उतने दिन कर्मचारियों को एमओपी (मेजर वर्कफोर्स ऑफ परफॉरमेंस) में नुकसान हुआ।
कारण कि टाटा मोटर्स कर्मियों को बेसिक-डीए के साथ एमओपी (मेजर वर्कफोर्स ऑफ परफॉरमेंस) हर माह मिलता है। कोरोना को लेकर करीब छह माह उत्पादन प्रभावित रहा, ऐसे में एमओपी भी कम मिला, जिसका असर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ा है। लेकिन अब जैसे-जैसे कंपनी का उत्पादन बढ़ते जा रहा है, एमओपी भी बढ़ रहा है। मई-जून के महीने में कर्मचारियों को 2000 तक एमओपी मिला, जो अब बढ़कर 9000 के करीब पहुंच गया है।
नवंबर में 352 प्वाइंट का मिला 8700 रुपए
बीते नवंबर महीने में टाटा मोटर्स कर्मचारियों को 352 प्वाइंट का 8,700 रुपये एमओपी वेतन में मिला है जबकि सुरक्षा में अधिकतम 1300 रुपये और गुणवत्ता में 100 रुपये मिला है। पिछले माह 368 प्वाइंट का 9,200 रुपये एमओपी वेतन में मिला था जबकि सुरक्षा में 100 रुपये और गुणवत्ता में 250 रुपये से कुल 9550 रुपये मिले थे।कोरोना संक्रमण का मामला आने के बाद मई में उत्पादन शून्य होने से एमओपी 34 सौ रुपये, गुणवत्ता व सुरक्षा मद में सौ-सौ रुपये मिला था। कंपनी के उत्पादन में लगातार इजाफा हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान कंपनी में उत्पादन नहीं होने के बावजूद कर्मचारियों को न्यूनतम 110 प्वाइंट का 3400 रुपये एमओपी वेतन में मिला था।