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इंकैब कर्मियों के याचिका के साथ लेनदार के मामले में हुई सुनवाई

नेशनल कंपनी ऑफ लॉ ट्रिब्यूनल एनसीएलटी कोलकाता में इंकैब कर्मचारियों द्वारा दाखिल आवेदन के साथ एक और तथाकथित लेनदार के आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। तथाकथित लेनदार के आवेदन में एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी एनसीएलटी के समझ यह सनसनीखेज रहस्योद्घाटन किया गया कि कमला मिल्स लिमिटेड के मालिक और निदेशक रमेश घमंडी राम गोवानी ने 2018 में एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी एनसीएलटी के सात अगस्त-2019 के मोराटोरियम आदेश के पूर्व इंकैब कंपनी की मुबंई स्थित दो परिसम्पत्तियों को बोर्ड के निर्णय द्वारा किसी नितीन भावे को पावर ऑफ अटार्नी देकर बेच दिया और सारे रुपये हड़प लिये।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 09:30 AM (IST)
इंकैब कर्मियों के याचिका के साथ लेनदार के मामले में हुई सुनवाई
इंकैब कर्मियों के याचिका के साथ लेनदार के मामले में हुई सुनवाई

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : नेशनल कंपनी ऑफ लॉ ट्रिब्यूनल एनसीएलटी कोलकाता में इंकैब कर्मचारियों द्वारा दाखिल आवेदन के साथ एक और तथाकथित लेनदार के आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। तथाकथित लेनदार के आवेदन में एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी के समझ यह सनसनीखेज रहस्योद्घाटन किया गया कि कमला मिल्स लिमिटेड के मालिक और निदेशक रमेश घमंडी राम गोवानी ने 2018 में एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी के सात अगस्त-2019 के मोराटोरियम आदेश के पूर्व इंकैब कंपनी की मुबंई स्थित दो परिसम्पत्तियों को 'बोर्ड' के निर्णय द्वारा किसी नितीन भावे को पावर ऑफ अटार्नी देकर बेच दिया और सारे रुपये हड़प लिये। इस तथाकथित लेनदार ने यह भी दावा किया कि इंकैब कंपनी की परिसंपत्तियों पर उसका ग्रहणाधिकार है। इसलिए शनिवार को इंकैब कंपनी की पुणे की परिसंपत्तियों की लिक्विडेटर द्वारा आहूत ऑक्सन को रोका जाय।

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इस पर एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी ने कहा कि उनका ऑक्सन को रोकने का कोई इरादा नहीं है, पर यह ऑक्सन एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी की कार्यवाही के अधीन रहेगी।

इस पर इंकैब कर्मचारियों की तरफ से उनके अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी से इल्तिजा की कि ऑक्सन को तत्काल रोकने की जरूरत है, क्योंकि शशि अग्रवाल, लिक्विडेटर, एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी के सात फरवरी-2020 के आदेश का सीधे सीधे उल्लंघन कर रहा है। अधिवक्ता ने बताया कि एडजुडिकेटिग ऑथोरिटी, एनसीएलटी ने अपने सात फरवरी 2020 के आदेश में इंकैब कंपनी को इसकी पूरी परिसंपत्तियों के साथ एकसाथ बेचने की ताकीद की है, जबकि लिक्विडेटर केवल पुणे की परिसंपत्तियों को ऑक्सन कर रहा है।

अधिवक्ताओं को सुनने के उपरांत राजशेखर और सूरी की बेंच ने यह कहा कि आवेदन के आलोक में एफिडेविटें फाइल की जा चुकी है और अगली तारीख एक फरवरी 2021 उक्त आवेदनों पर अंतिम सुनवाई करेंगे। इंकैब कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने जिरह की।


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