प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का इस तरह उठाएं लाभ, ये रही पूरी जानकारी
Pradhan Mantri Matri Vandana Yojana.प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य मजदूरी की क्षति के बदले नकद राशि को प्रोत्साहन के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना है ताकि महिलाएं पहले जीवित बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त विश्राम कर सकें।
जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ‘आपकी योजना-अपनी योजनाओं को जानें’ अभियान चला रहा है, जिसमें हर बार एक नई योजना की जानकारी दी जा रही है। उपायुक्त सूरज कुमार के निर्देश पर विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में आम जनता को अवगत कराने का उद्देश्य, आवेदन कहां करना है, योजना के स्वरूप आदि के बारे में बताया जा रहा है, ताकि एक भी योग्य लाभुक इससे वंचित न रहे। इस कड़ी में 'प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना' के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग अंतर्गत (समाज कल्याण शाखा) संचालित 'प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना' का उद्देश्य मजदूरी की क्षति के बदले नकद राशि को प्रोत्साहन के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना है, ताकि महिलाएं पहले जीवित बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त विश्राम कर सकें। प्रदान की गई नकद प्रोत्साहन राशि से गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में स्वस्थ रहने के आचरण में सुधार होगा। इसके लिए प्रखंड मुख्यालय स्थित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।
कौन होंगे योग्य लाभुक
ऐसी गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को छोड़कर, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों के साथ नियमित रोजगार में हैं। जो वर्तमान में लागू किसी कानून के अंतर्गत समान लाभ प्राप्त कर रही हैं, सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं। सभी पात्र गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को परिवार में पहले बच्चे के लिए जो एक जनवरी 2017 या इसके बाद गर्भवती हुई हैं। लाभार्थी के लिए गर्भधारण की तिथि तथा चरण की गणना एमसीपी कार्ड में उल्लेखित उसकी पिछले माहवारी चक्र की तिथि के आधार पर की जाएगी।
गर्भपात/मृत जन्म का मामला
लाभार्थी योजना के अंतर्गत एक लाभुक केवल एक बार लाभ प्राप्त करने का पात्र होगा। गर्भपात या मृत जन्म के मामले में लाभार्थी किसी भावी गर्भधारण की स्थिति में शेष किस्त (किस्तों) का दावा करने के लिए पात्र होगा। इस प्रकार पहली किस्त प्राप्त करने के बाद यदि लाभार्थी का गर्भपात हो जाता है, तो वह पात्रता के मानदंडों एवं योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन भावी गर्भधारण की स्थिति में केवल दूसरी व तीसरी किस्त प्राप्त करने की पात्र होगी। इसी तरह यदि पहली और दूसरी किस्त प्राप्त करने के बाद लाभार्थी का गर्भपात हो जाता है या मृत शिशु का जन्म होता है तो वह पात्रता के मानदंडों एवं योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन भावी गर्भधारण की स्थिति में तीसरी किस्त प्राप्त करने की पात्र होगी।
शिशु मृत्यु का मामला
लाभार्थी योजना के अंतर्गत केवल एक बार लाभ प्राप्त करने के पात्र है। शिशु की मृत्यु हो जाने की स्थिति में वह योजना के अंतर्गत लाभों का दावा करने की पात्र नहीं होगी, यदि उसने इस योजना के अंतर्गत पहले ही मातृत्व लाभ की सभी किस्तें प्राप्त कर ली है। गर्भवती व स्तनपान कराने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, आशा भी योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकती हैं।
इतनी राशि मिलेगी
इस योजना के तहत तीन किस्तों में नकद प्रोत्साहन राशि के लिए आंगनबाड़ी केंद्र या अनुमोदित स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में गर्भधारण का पंजीकरण कराने पर एक हजार रुपये की पहली किस्त, कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने पर गर्भधारण के छह माह बाद दो हजार रुपये की दूसरी किस्त और बच्चे के जन्म का पंजीकरण कराने तथा बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी या इसके समतुल्य टीके का पहला चक्र लगवा लेने के बाद दो हजार रुपये की तीसरी किस्त मिलेगी। लाभार्थी संस्था में प्रसव के लिए जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन प्राप्त करेगी तथा जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्राप्त प्रोत्साहन की गणना मातृत्व लाभ के लिए की जाएगी, ताकि औसतन हर महिला को छह हजार रुपये मिलेंगे।