Jharkhand Assembly Election 2019 : सुबह किसी के साथ घूम रहे तो रात में कहीं और ठिकाना Jamshedpur News
अल्पकालिक चुनावी कार्यकर्ता कुछ घंटे बाद उसी प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ रहे दूसरे प्रत्याशी के साथ कुछ इसी तरह की कवायद करते नजर आ रहे हैं।
जमशेदपुर (वेंकटेश्वर राव)। कोई जीते या हारे। सरकार किसी की भी बने, हर चुनाव का इंतजार कुछ लोगों को अलग-अलग वजहों से रहता है। ऐसा ही इस बार भी है। खासतौर से ऐसे लोगों के लिए जिन्हें अपना काम निकलने, कुछ कमाई होने और अपनी अहमियत बताने-समझाने का मौका मिलता है। कुछ चतुर युवा प्रत्याशियों की जरूरत और मजबूरी बखूबी समझते हैं। उस हिसाब से अपना फायदा उठाने में नहीं चूकते।
चतुर कार्यकर्ताओं से तेज हो रही प्रत्याशियों की धड़कन
विभिन्न पार्टियों के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं में ज्यादातर समर्पण के साथ अपने पार्टी प्रत्याशी को जिताने की जुगत में लगे हैं। यहां हम बात कर रहे हैं उन अल्पकालिक कार्यकर्ताओं की जो केवल चुनाव में उग आते है। ऐसे कार्यकर्ता प्रत्याशी को यह अहसास कराने में पूरा जोर लगा रहे हैं कि वे उनके लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं और उनकी जीत के लिए खुद को झोंके हुए हैं। मजा तो तब आ रहा है जब यही अल्पकालिक चुनावी कार्यकर्ता कुछ घंटे बाद उसी प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ रहे दूसरे प्रत्याशी के साथ कुछ इसी तरह की कवायद करते नजर आ रहे हैं। यानि इन लोगों के लिए दोनों हाथों में लडडू।
झारखंड विधानसभा चुनाव में पूर्वी सिंहभूम के विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो हो गई हैं। वे इस तरह के कार्यकर्ताओं से परेशान हो उठे हैं। सुबह किसी प्रत्याशी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं, तो शाम को वे पाला बदल ले रहे हैं। इस कारण बूथों में राशि देने के बारे में पार्टी के वरीय नेता पसोपेश में पड़े हुए है।
जमशेदपुर पूर्वी, घाटशिला, बहरागोड़ा, पोटका विधानसभा में इसका असर सबसे ज्यादा है, इस कारण यहां सबसे ज्यादा भितरघात की आशंका है। विभिन्न दलों के कैडर अपनी पार्टी के खिलाफ साफ तौर पर प्रचार करते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया में भी पार्टी के कार्यकर्ता खुले तौर पर कह रहे हैं। दिन पश्चिम में किसी के साथ तो पूर्व में किसी का समर्थन करना है।