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सरायकेला में घटिया खाना मिलने के कारण कोरोना संक्रमित स्वस्थ्य होने की बजाए हो रहे कमजोर, गुस्साए मरीजों ने किया भूख हड़ताल Jamshedpur News

सरायकेला- खरसावां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था का खामियाजा क्वारेंटाइन सेंटर के कोरोना संक्रमित मरीजों को उठाना पड़ रहा है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 04:52 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 04:36 PM (IST)
सरायकेला में घटिया खाना मिलने के कारण कोरोना संक्रमित स्वस्थ्य होने की बजाए हो रहे कमजोर, गुस्साए मरीजों ने किया भूख हड़ताल Jamshedpur News
सरायकेला में घटिया खाना मिलने के कारण कोरोना संक्रमित स्वस्थ्य होने की बजाए हो रहे कमजोर, गुस्साए मरीजों ने किया भूख हड़ताल Jamshedpur News

सरायकेला (जासं) । सरायकेला- खरसावां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था का खामियाजा क्वारेंटाइन सेंटर के कोरोना संक्रमित मरीजों को उठाना पड़ रहा है। जहां घटिया खाना और कम मात्रा में खाना मिलने से मरीज स्वस्थ्य होने के बजाए दिन प्रति दिन कमजोर होते जा रहे हैं। वहीं गुरुवार सुबह से ही आदित्यपुर आईडीटीआर हॉस्टल में बने क्वारेंटाइन सेंटर के मरीजों ने खाने का बहिष्कार करते हुए भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं दोपहर का खाना भी मरीजों ने खाने से मना कर दिया। वहीं मनाने पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों के अनुरोध को भी यहां इलाजरत मरीजों ने नहीं माना और खाना खाने से इंकार कर दिया।

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मरीज अपने घरों से लाए हल्के- फुल्के स्नैक्स खाकर गुजारा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों ने बताया कि खाना जो मिल रहा उसे जानवर भी नही खा सकते है। एक ही पैकेट में चावल दाल सब्जी पैक कर दिया जाता है जो खाने लायक नही रहता है। पानी भी पिने को सही ढंग से नही मिलता है। जो पानी मिलता वह टंकी का पानी होता है। वहीं जिले में हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों के बढ़ने से जिले के सभी क्वारेंटीन सेंटरों का बुरा हाल है। इन क्वारेंटीन सेंटरों में संक्रमित मरीजों के इम्यूनीटी पावर बढ़ाने के लिए लाया जा रहा है, लेकिन यहां मरीज घटिया खाना और बदइंतजामी के कारण मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं।

वहीं इन मरीजों की सुध लेनेवाला कोई नहीं। वहीं गम्हरिया पीएचसी प्रभारी डा. योगेश प्रसाद द्वारा भी मरीजों के रखरखाव का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। प्रभारी से पूछने पर वे सीधे सरकार द्वारा उपल्ब कराए जा रहे संसाधनों की दुहाई देकर पल्ला झाड़ते नजर आए। सरायकेला सिविल सर्जन तो फोन भी उठाना जरूरी नहीं समझते। ऐसे में जिले के उपायुक्त को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने भी पूर्व में हर दिन एक मरीज के एवज में साठ रुपए सरकार की ओर से जारी किए जाने की बात कही गयी है। ऐसे में आप साफ समझ सकते हैं, कि साठ रूपए में मरीज को खाना क्या मिल रहा होगा। रही बात इम्यूनीटी पावर बढ़ाने की तो पिछले 14- 14 दिन से यहां ईलाज करा रहे मरीजों का इम्यूनीटी पॉवर बढ़ाने में यहां के प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग नाकाम रहे हैं।


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