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रबी फसलों में चना, गेहूं और सरसों से लहराएंगे खेत

जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने बताया कि जिले भर में कुल 266 हेक्टेयर कृषि भूमि पर चना की खेती की जाएगी। जबकि 111 हेक्टेयर कृषि भूमि पर गेहूं और 750 हेक्टेयर कृषि भूमि पर सरसों की खेती किए जाने की तैयारी की जा रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 08:38 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 08:38 AM (IST)
रबी फसलों में चना, गेहूं और सरसों से लहराएंगे खेत
सरायकेला-खरसावां के जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर। जागरण

सरायकेला, प्रमोद सिंह। सरायकेला-खरसावां  जिले में इस वर्ष कोरोना काल को मात देते हुए जिले के किसान रबी फसलों में चना, गेहूं और सरसों की खेती करेंगे।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने बताया कि जिले भर में कुल 266 हेक्टेयर कृषि भूमि पर चना की खेती की जाएगी। जबकि 111 हेक्टेयर कृषि भूमि पर गेहूं और 750 हेक्टेयर कृषि भूमि पर सरसों की खेती किए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए चना के 200 क्विंटल और गेहूं के 500 क्विंटल बीज की मांग विभाग से की गई है। जबतक सरसों के लिए 45 क्विंटल बीज प्राप्त हुआ है। जिसका वितरण किसानों के बीच निश्‍शुल्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चना और गेहूं के बीज के प्राप्त होने वाले आवंटन को किसानों को 50 फीसद सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाएगा।

जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने बताया कि किसान एक नवम्बर से 15 दिसम्बर के बीच चना, गेहूं और सरसों की एक साथ मिश्रित खेती करके कम लागत में अच्छी उपज ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि चना, गेहूं और सरसों की बुवाई अगर किसान जैविक तरीके से करते हैं तो लागत बहुत कम आयेगी और भाव अच्छा मिलेगा। चने की फसल सबसे ज्यादा नाइट्रोजन छोड़ती है और गेहूं को सबसे ज्यादा नाइट्रोजन चाहिए होता है। अगर ये दोनों फसलें एक साथ करते हैं तो गेहूं में यूरिया डालने की बहुत कम जरूरत पड़ेगी।

चना की खेती से किसान कर सकते अच्छी आमदनी

चना की बुआई का समय 1 से 30 नवंबर तक की जा सकती है। इस श्रेणी में जीसीपी 105 चना की नस्ल आती है। वैसे ही पूषा 362 किस्म के दाने मध्यम आकार के होते हैं। इसकी फसल 130 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म की चने की उपज छमता 15 से 20 क्विटल प्रति हेक्टेयर है। चना की खेती के लिए दोमट एवं भारी मिट्टी, दोनों प्रकार की उपयुक्त मानी जाती है। चने की खेती के लिए भूमि लवणीय एवं क्षारिय जल-जमाव की समस्या से मुक्त हो, यह अधिक उपयुक्त माना जाता है।

ऐसे करें चना सरसों और गेहूं की बुवाई में खेत की तैयारी

खेत की बुवाई से एक सप्ताह पहले 100 किलो चूना या 100 किलो जिप्सम में 50 किलो नीम का पाउडर मिलाकर एक एकड़ में डालने के बाद खेत की पलेवा कर दें। इसके अलावा अगर किसान के पास वर्मी कम्पोस्ट या फास्फो कम्पोस्ट है खेत में डालने से पैदावार अच्छी होती है।


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